
Baxur : बिहार के बक्सर जिले में चौसा के पास गंगा नदी में एक साथ तैरती 40-45 लाशों की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मचा है. ये लाशें कहां से आयीं? इस सवाल पर बक्सर जिला प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है.
जिला प्रशासन के अफसरों का कहना है कि ये लाशें उत्तर प्रदेश से बहकर आयी हैं, क्योंकि यहां लाशों का बकायदा अंतिम संस्कार किया जा रहा है.
इलाके के लोग भयभीत हैं कि ये लाशें कोरोना संक्रमितों की हो सकती हैं और ये नदी में तैरती रहीं तो पूरे इलाके में कोरोना संक्रमण तेज रफ्तार से फैल सकता है.
आशंका जतायी जा रही है कि कोरोना से मौत की संख्या बढ़ने के कारण लोग अंतिम संस्कार करने की बजाय गंगा में लाशों के प्रवाहित कर रहे हैं. ज्यादातर लाशें फूली और सड़ी गली हालत में हैं.
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बक्सर के डीएम ने मीडिया से कहा कि 30 से 35 लाशों के महादेव घाट के पास किनारे लगने की जानकारी मिली है. जिला प्रशासन देख रहा है कि कैसे इनका उचित तरीके से निष्पादन हो सकता है.
एक साथ इतनी लाशें दिखने के बाद प्रशासन और सरकार पर नाकामी के आरोप भी लग रहे हैं. लोगों का कहना है कि अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां नहीं मिल पाने के कारण कई गांवों में लोग कोरोना संक्रमितों की लाशें नदी में बहा दे रहे हैं.
बताया जा रहा है कि पिछले एक सप्ताह के दौरान बक्सर के चौसा श्मशान घाट पर दर्जनों लाशें बहती मिली हैं. इन लाशों को कहीं कुत्ते नोच रहे हैं, तो कहीं उनके ऊपर गिद्ध मंडरा रहे हैं. इस वजह से पूरे इलाके में दहशत और सनसनी है.
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