
Ranchi : राज्य के सरकारी स्कूलों में ई-विद्यावाहिनी एप के माध्यम से स्कूलों के कामकाज के संचालन के लिए दिया गया टैब बीते दो महीने से स्कूलों में बंद पड़ा है. इससे पूर्व लोकसभा चुनाव के समय भी यह टैब बंद पड़ा रहा. इस वजह से राज्य के 31 हजार स्कूलों में ई-विद्यावाहिनी का कामकाज बंद पड़ा है. यह टैब वापस काम में कब आ पायेगा, इसकी जानकारी परियोजना निदेशक के पास भी नहीं है.
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क्यों बंद है टैब

गौरतलब है कि राज्य के स्कूलों में बांटे गये टैब में कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास का वीडियो संदेश टैब के खुलते ही चलता था. टैब में यह सिस्टम पहले से इनबिल्ट स्टॉल होने की वजह से इसे हटाया नहीं जा सका. इस कारण पहले लोकसभा चुनाव में और फिर अब विधानसभा चुनाव की वजह से लगभग चार माह बंद पड़ा रहा.


पल्ला झाड़ रहे परियोजना निदेशक
इस बाबत पूछे जाने पर झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने कहा कि टैब इंस्टॉल जैप आइटी की ओर से किया गया था. इस बाबत जैप आइटी को पत्र लिखा गया है. अब शिक्षा विभाग के निर्णय के बाद ही टैब मामले पर कुछ कहा जा सकता है.
वहीं जब जैप आइटी के सीइओ सर्वेश सिंघल से जानकारी लेने की कोशिश की गयी, तो उनसे फोन पर संपर्क नहीं हो सका. जबकि जैप आइटी के एक तकनीकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि टैब में जिस तरह का सिस्टम इनबिल्ट किया गया है, उसे हटाना आसान नहीं है. विभाग को किसी भी हालत में टैब को सभी स्कूलों से वापस लेना होगा. इसमें चलने वाला वीडियो कंपनी ही हटा सकती है.
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स्कूलों का काम रूका
वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता नशीम अख्तर ने कहा कि विभागीय गड़बड़ी की वजह से स्कूलों का काम अटका पड़ा है. एमडीएम, स्कूल इंस्पेक्शन, अटेंडेंस सहित कई काम महीनों से नहीं हो रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि जब से यह टैब मिला है, तब से कभी सही तरीके से काम नहीं किया है.
तकनीकी रूप से आउटडेटेड है टैब
शिक्षा विभाग की तरफ से जिस टैब की खरीदारी की गयी है, वो एचपी प्रो 8 मॉडल का टैब है. इस टैब की स्थिति ऐसी है कि यह टैब ना ऑनलाइन उपलब्ध है और ना ही ऑफलाइन. यहां तक कि इसे कल-पूर्जे भी बाजार से ऑउटडेटेड हो चुके हैं.
अगर किसी तरह की खराबी टैब में आ जाए तो शायद ही इस टैब को दोबारा से दुरुस्त नहीं किया जा सकता है. इस 4 जीबी रैम के जमाने में जिस टैब की खरीदारी सरकार ने की है, वो 2 जीबी रैम है. इंटरनल मेमोरी सिर्फ 16 जीबी की है.
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