खुशियां मनाने के लिए बहाने कुछ भी हो, बेहतर जिंदगी के लिए उर्जा देती है, चाहे वह नया वर्ष की शुरूआत ही सही.. लेकिन, क्या इस तरह?!..
साल 2014 के आगमन पर ब्रिटेन की सड़कों, क्लनब, होटलों में कुछ ऐसे ही नजारे दिखे.. नशे में लड़खड़ाती आबरू!
..लेकिन क्या पता, पाश्चात्य के रंगों में रंगता भारतीय समाज भी कल ऐसे ही उदाहरण पेश करने लगे..
क्या हम बचा सकेंगे अपने युवाओं को!! (साभार:डेलीमेल)
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