लड़कियों के शिक्षित नहीं होने से आ रहा 150-300 खरब डॉलर का खर्च: विश्व बैंक
’मिस्ड ऑपर्च्यूनिटीज : द हाई कॉस्ट ऑफ नॉट एजुकेटिंग गर्ल्स’ नाम से रिपोर्ट जारी
Washington: लड़कियों की शिक्षा पर एक रिपोर्ट जारी करते हुए विश्व बैंक ने गुरुवार को कहा कि लड़कियों को शिक्षित नहीं करने या उनकी स्कूली शिक्षा में बाधा डालने से दुनिया पर 150 से 300 खरब डॉलर का भार पड़ता है. बैंक ने कहा कि कम आय वाले देशों में दो तिहाई से भी कम लड़कियां अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी कर पाती हैं और तीन में से केवल एक लड़की माध्यमिक स्कूल की पढ़ाई पूरी कर पाती है. विश्व बैंक ने संयुक्त राष्ट्र मलाला दिवस के मौके पर अपनी नई रिपोर्ट “ मिस्ड ऑपर्च्यूनिटीज : द हाई कॉस्ट ऑफ नॉट एजुकेटिंग गर्ल्स ’’ में इन परिणामों को लोगों के सामने रखा है.
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अशिक्षित महिलाएं कमाने में पीछे
विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया कि कई वयस्क महिलाओं को युवावस्था में सार्वभौमिक माध्यमिक शिक्षा (12 साल की स्कूली शिक्षा) का लाभ नहीं मिलने के कारण आज मानव पूंजीगत धन में विश्व भर में 150 से 300 खरब डॉलर नुकसान हो रहा है. इसमें बताया गया कि औसतन जिन महिलाओं को माध्यमिक शिक्षा प्राप्त है उनके काम कर के पैसा कमाने की संभावना उन महिलाओं से लगभग दोगुनी होती है जो अशिक्षित हैं.
नोबल पुरस्कार विजेता और मलाला फंड की सह संस्थापक मलाला यूसुफजई ने कहा, “ जब 13 करोड़ लड़कियां शिक्षा के अभाव में इंजीनियर या पत्रकार या सीईओ नहीं बन पातीं तो हमारे विश्व को खरबों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ता है जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था , जन स्वास्थ्य और स्थिरता को मजबूत किया जा सकता है.” यूसुफजई ने 12 जुलाई 2013 को अपने 16 वें जन्मदिन के मौके पर संयुक्त राष्ट्र में विश्वभर की महिलाओं को शिक्षित करने का आह्वान किया था. संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को “ मलाला दिवस ’’ घोषित किया था.
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