
NewDelhi : विश्व भर में प्रतिष्ठित मैगजीन टाइम के कवर पेज पर इस बार भारतीय मूल की 15 वर्षीय अमेरिकी युवा साइंटिस्ट गीतांजलि राव की तस्वीर है. गीतांजलि कोलेरेडो के स्टेम स्कूल हाईलैंड्स रेंच स्कूल की छात्रा है. जान लें कि गीतांजलि राव को टाइम ने किड ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा है. जानकारी के अनुसार टाइम मैगजीन ने पहली बार किड ऑफ द ईयर के लिए नाम मांगे थे. आवेदनों में से लगभग 5000 आवेदन एक्सेप्ट किये गये थे.
Humbled, honored, and excited! Special thanks to all my mentors, teachers, family, and friends who believed in me and supported me. Congrats to all the finalists and many of them are my friends @jordanjustright from @TheSTEAM_Squad @MightyRebekah @ElijahLee07. They inspire me! https://t.co/wr8EPhauw9
— Gitanjali Rao (@gitanjaliarao) December 4, 2020
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युवा वैज्ञानिकों के सामने मिसाल कायम की
इस प्रतियोगिता में गीतांजलि ने साइंस और टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपने शानदार रिसर्च के बूते हजारों बच्चों को पीछे छोड़ते हुए किड ऑफ द ईयर अवॉर्ड अपने नाम कर लिया. गीतांजलि को यह अवॉर्ड दूषित पेयजल और साइबर बुलिंग के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के बेहतरीन इस्तेमाल के लिए प्रदान किया गया है.
टाइम मैगजीन के अनुसार कोलेरेडो के स्टेम स्कूल हाईलैंड्स रेंच स्कूल की छात्रा राव ने युवा वैज्ञानिकों के सामने मिसाल कायम की और उनके लिए प्रेरणास्त्रोत बनी हैं.
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एंजेलिना जोली ने उनका जूम पर इंटरव्यू लिया
बता दें कि गीतांजलि राव ने महज 12 साल की उम्र में पानी में सीसा का पता लगाने वाली एक पोर्टेबल डिवाइस विकसित की है हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री और अकेडमी अवॉर्ड विजेता एंजेलिना जोली ने उनका जूम पर इंटरव्यू लिया. इंटरव्यू में राव ने कहा कि फ्लिंट, मिशिगन में पेयजल के संकट ने उन्हें एक ऐसी खोज करने के लिए प्रेरित किया जिसमें पानी के भीतर दूषित पदार्थों का पता लगाकर उन परिणामों को मोबाइल फोन पर भेजा जा सके.
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जानिए गीतांजलि राव के बारे में
गीतांजलि ने मोबाइल की तरह दिखने वाले डिवाइस का नाम टेथिस’ रखा है. डिवाइस को पानी में सिर्फ कुछ सेकेंड तक डालने के बाद बता देता है कि पानी में सीसे की मात्रा कितनी है. गीतांजलि ने बताया कि जब वह महज 10 वर्ष की थीं तब उन्होंने अपने माता-पिता से कहा था कि वह कार्बन नैनो ट्यूब सेंसर टेक्नोलॉजी पर वाटर क्वॉलिटी रिसर्च लैब में रिसर्च करना चाहती हैं.
उन्होंने कहा कि यही बदलाव की शुरुआत थी, जब कोई इस दिशा में काम नहीं कर रहा है तो मैं इसे करना चाहती हूं. सेंसर टेक्नोलॉजी पानी में शामिल दूषित तत्वों का पता लगाने में मदद करती है.
15 साल की यंग साइंटिस्ट ने कम उम्र में नशीले पदार्थ की लत (opioid addiction) को छुड़ाने के लिए एपिऑन नाम का एक डिवाइस बनाया है.
साइबर बुलिंग रोकने के लिए गीतांजलि ने किंडली (Kindly) नाम का एक एप बनाया. उन्होंने कहा कि यह एक ऐप और क्रोम एक्सटेंसन है. यह शुरुआत में ही साइबर बुलिंग को पकड़ने में सक्षम होगा. उन्होंने कहा कि मेरा मकसद सिर्फ अपनी डिवाइस बनाकर दुनिया की समस्याएं सुलझाने तक सीमित नहीं है, बल्कि अब मैं दूसरों को भी ऐसा करने के प्रेरित करना चाहती हूं.
यह पहली बार नहीं है कि गीतांजलि को उनके काम के लिए बड़ा खिताब पहली बार मिला हो, इससे पहले 2019 में उन्हें फोर्ब्स की 30 अंडर 30 लिस्ट में जगह मिली थी.
गीतांजलि अन्य कई हजारों बच्चों के लिए इनोवेशन वर्कशॉप चलाने के उद्देश्य से कई ग्रामीण स्कूल, म्यूजियम, साइंस टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग संगठन से जुड़ी हैं.
गीतांजलि को ईपीए प्रेजिडेंशियल अवॉर्ड, जॉर्ज स्टेफेनसन इनोवेशन अवॉर्ड 2020, कुमॉन 2019 स्टूडेंट इंसपाइरेशनल अवॉर्, टीसीएस इग्नाइट इनोवेशन टॉप हेल्थ पिलर अवॉर्ड समेत कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. जान लें कि गीतांजलि किताबें भी लिख चुकी हैं.