रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों को निदेश दिया कि वे अपने जिले के जेल में महीने में दो बार औचक निरीक्षण करें। निरीक्षण के दौरान मिलने वाले आपत्तिजनक सामानों के खिलाफ संबंधित व्यक्ति पर प्राथमिकी दर्ज की जाये। श्रीमती वर्मा आज कारा (गृह) विभाग की समीक्षा बैठक में सभी जिले के पुलिस अधीक्षक, कारा अधीक्षक और अन्य अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से निदेश दे रही थीं।
श्रीमती वर्मा ने कहा कि किसी भी कैदी को पेशी के लिए जेल से बाहर न ले जाया जाये, पेशी के लिए वीडियो कान्फ्रेंसिंग का उपयोग किया जाय और इस बात से जिला न्यायाधीश को अवगत भी करवाया जाय। उन्होंने कहा कि औचक निरीक्षण के दौरान जेल में मौजूद सभी उपकरणों की भी जांच की जाये साथ ही जेल के अंदर आने वाले सामानों की भी गहनता से जांच की जाये। उन्होंने कहा कि जेल में हर महीने औचक निरीक्षण होने से जिला में होने वाली अपराधिक घटनाओं में कमी आयेगी। श्रीमती वर्मा ने कहा कि किसी भी बाहरी व्यक्ति को जेल के अंदर प्रवेश न करने दिया जाये, और यदि कोई ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाये। उन्होंने जेल के अंदर की सूचना को लीक करने वाले व्यक्ति को चिह्नित कर उसपर कठोर कार्रवाई करने का निदेश भी दिया।
जेल सुरक्षा के मुद्दे पर श्रीमती वर्मा ने कहा कि सभी जेलों में 15 अगस्त से पहले सीसीटीवी कैमरा लगवा दिया जायेगा। सीसीटीवी कैमरा के संचालन के लिए जेल के कक्षपालों को प्रशिक्षित किया जाये।
श्रीमती वर्मा ने जेल में कैद महिला कैदियों के बच्चों के लिए निदेश दिया कि 6 वर्ष या उससे उपर के बच्चों की शिक्षा के लिए उन्हें आवासीय विद्यालय में दाखिला करवाया जाये, 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शिक्षा जेल में मौजूद शिक्षित कैदियों से करवायी जाये। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही सभी जेलों को कैशलेस करेगी और कैदियों को उनके आधार से लिंक किया जायेगा।
जेल में बंद बीमार कैदियों की चिकित्सा व्यवस्था के विषय पर उन्होंने सभी अधिकारियों को निदेश दिया कि वे बीमार कैदियों के एस्कार्ट के लिए फोर्स की उपलब्धता सुनिश्चित करें ताकि बीमार कैदियों को ससमय चिकित्सा उपलब्ध करवायी जा सके। श्रीमती वर्मा ने अधिकारियों को निदेश दिया कि सहायक कारापाल और कक्षपालों की नियुक्ति नियमावली में जल्द बदलाव कर उसकी रिक्तियां प्रकाशित करें। उन्होंने निदेश दिया कि विभाग जल्द ही पीएमयू का गठन करे जिसके माध्यम से विधि परामर्शी एवं अन्य तकनीकी कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
बैठक में गृह विभाग के प्रधान सचिव श्री एस के जी रहाटे, स्पेशल ब्रांच के एडीजी श्री अनुराग गुप्ता, जेल आईजी श्रीमती सुमन गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।