
Deepak
Ranchi : झारखंड सरकार के स्टेट अरबन डेवलपमेंट एजेंसी (सूडा) की तरफ से निकाले गये विज्ञापन पर अब तक अमल नहीं हो पाया है. सूडा की तरफ से अटल मिशन फॉर रीजूवेनेशन एंड अरबन ट्रांसपोर्ट (अमृत) के तहत अरबन प्लानर, अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपर्ट, अरबन रीफोर्म स्पेशियलिस्ट और सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट स्पेशियलिस्ट की नियुक्ति का विज्ञापन 13 दिसंबर 2017 को ही निकाला गया था. 11 महीने बाद भी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है. सूत्रों का कहना है कि विभाग के एक वरिष्ठ टाउन प्लानर नहीं चाहते हैं कि कोई दूसरा टाउन प्लानर यहां आये. इनकी वजह से नियुक्ति की प्रक्रिया लटकी हुई है. ये काफी दिनों तक नगर निगम में भी टाउन प्लानर थे. नतीजतन बी आर्किटेक्चर डिग्रीधारी जॉब से वंचित हो रहे हैं. बीआईटी मेसरा में ही प्रत्येक वर्ष 40 से अधिक बच्चे बी आर्किटेक्चर की डिग्री प्राप्त कर रहे हैं, जिन्हें राज्य सरकार के विभाग में नौकरी नहीं मिल रही है. न्यूजविंग ने नगर विकास सचिव से बातचीत करने की कोशिश की, उन्होंने कहा कि वे रांची से बाहर हैं. जबकि इस बारे में जब पूर्व सूडा निदेशक राजेश शर्मा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, उनका तबादला हो गया है. इसलिए अब वे इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता सकते.
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क्या है विभाग का तर्क
नगर विकास विभाग का निदेशालय यानि सूडा के अधिकारियों का कहना है कि पांच पदों के लिए दिसंबर 2017 में विज्ञापन निकाला गया था. तब से लेकर तीन बार सूडा के निदेशक बदल गये. अब अमित कुमार सूडा के निदेशक हैं. अमृत योजना को लेकर निकाली गयी नियुक्ति संबंधी विज्ञापन में आये आवेदनों को शार्ट लिस्ट कर उसे सूडा के वेब पोर्टल पर डाल दिया गया है. इस माह के अंत तक साक्षात्कार और अन्य प्रक्रियाएं पूरी कर ली जायेंगी. निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार सूडा के निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय चयन समिति भी है, जो नियुक्तियों पर अपनी अंतिम मुहर लगाकर उसे नगर विकास विभाग के सचिव के पास भेजती है. कमेटी के पास भी शार्ट लिस्ट उम्मीदवारों की सूची अनुमोदन के लिए भेज दी गयी है.
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क्या थी अहर्ता
अमृत योजना को लेकर रांची, आदित्यपुर, हजारीबाग, चास, देवघर, धनबाद में टाउन प्लानर की नियुक्ति होनी है. एक वर्ष तक की अवधि के लिए होनेवाली नियुक्ति के लिए सफल अभ्यर्थियों को मासिक 50 हजार रुपये दिये जायेंगे. सूडा की तरफ से अभ्यर्थियों से अरबन प्लानर के लिए प्लानिंग, टाउन प्लानिंंग, अ्रबन एंड रीजनल प्लानिंग में स्नातक, एमबीए, पीजीडीएम की डिग्री मांगी गयी थी. अभ्यर्थियों के लिए प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होना जरूरी किया गया था. सरकार ने विज्ञापन में फ्रेशर के अलावा परियोजना से संबंधित अनुभव भी जरूरी किया गया था.
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