
Dhanbad : आल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के आह्वान पर शुक्रवार को देश भर के साथ जिले के तमाम थोक एवं खुदरा की 1400 दवा दुकानें बंद रही. पूरे झारखंड में दवा दुकान की संख्या 8 हजार है जो पूरी तरह से बंद रही, सभी ने बंद का समर्थन किया. रणधीर वर्मा चौक स्थित गंगा मेडिकल के बाहर धनबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसियशन के बैनर तले दुकानदार एक जुट हुए. झारखंड राज्य के फार्मिस्ट पर हो रहे अत्याचार और सरकार द्वारा ऑन लाइन दवा की बिक्री के विरोध में दवा दुकानदारों ने बंद के दौरान अपनी एक जुटता प्रदर्शित की.
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व्यापारियों की लड़ाई सीधे सरकार से


अध्यक्ष राजेश दुदानी ने बताया कि इस बंद से जिले में 10 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है. इसका सीधा असर सरकार के राजस्व पर पड़ा है. सरकार दवा व्यापारियों पर अत्याचार बंद करे. इस एक दिन के भारत बंद के बाद भी सरकार सकारात्मक पहल नहीं करती है तो इसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे. उन्होंने कहा बंद के दौरान आपातकाल की स्थिति में मरीज को दवा दी जायेगी. दवा दुकान बंद होने से जनता को तकलीफ देने के लिए कतई नहीं है. व्यापारियों की लड़ाई सीधे सरकार से है. वहीं दवाई दुकान बंद रहने से मरीजों में ज्यादा परेशानी देखी गई. डॉ मरीज को देख रहे हैं लेकिन मरीज दवा नहीं ले पा रहे हैं. जिसमें डॉक्टर ने भी कहा कि आज दवा व्यापारियों का हड़ताल है इसलिए कल दवा लें जरूर.


वहीं जितने भी शहर में निजी अस्पताल हैं उन्होंने भी अपनी दवा दुकानें बंद रखी. बंदी को सफल बनाने में एसोसिएशन के सचिव शैलेश सिंह, कोषाध्यक्ष शिव शंकर खंडेलवाल, संयुक्त सचिव प्रभात गुप्ता, अनिल त्रिपाठी, दुर्गा झा, नीलू सिंह, मनोज सिंह, मनोज अग्रवाल, महेश साव, महेंद्र वर्णवाल की भूमिका रही.