
Simdega : बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ. यही नारा है राज्य सरकार. लेकिन कोलेबिरा के एक स्कूल में बेटियां चूंकि पढ़ने जा रही हैं, इसलिए उनके सिर पर मौत का खतरा मंडरा रहा है. दरअसल, कोलेबिरा प्रखंड मुख्यालय स्थित उत्क्रमित कन्या उच्च विद्यालय कोलेबिरा की छात्राएं इन दिनों जान हथेली पर रखकर स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहीं हैं. इस स्कूल में एलकेजी से लेकर कक्षा 10 तक की पढ़ाई होती है. यहां लगभग 300 छात्राएं पढ़ती हैं. स्कूल में कमरों की कमी के कारण एक कमरे में दो-दो क्लास की बच्चियों को पढ़ाया जाता है. लेकिन इन कमरों की भी स्थिति काफी जर्जर है. छत का प्लास्टर अक्सर गिरता रहता है, जिसके कारण छात्राएं घायल होती रहती हैं. विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष जितेंद्र तिवारी का कहना है कि इस स्कूल के कमरों की मरम्मत के लिए अनेकों बार विभाग को लिखा गया, लेकिन आज तक विभाग द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. लगता है विभाग को किसी बड़े हादसे का इंतजार है.
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15 दिनों में मरम्मत नहीं हुई, तो सड़क पर बैठाकर पढ़ायेंगे बच्चियों को : तिवारी
विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष जितेंद्र तिवारी ने बताया कि स्कूल में जितने भी कमरे हैं, सभी जर्जर हो चुके हैं. कमरों की कमी और जर्जर स्थिति को देखते हुए इस स्कूल की दो कक्षाएं वर्ग 9 और 10 की छात्राओं को प्लस टू उच्च विद्यालय कोलेबिरा में पढ़ाई के लिए स्थानांतरित किया गया है. तिवारी ने कहा कि अगर संबंधित विभाग एक पखवाड़े के अंदर जर्जर कमरों की मरम्मत के संबंध में कोई पहल नहीं करता है, तो सभी बच्चों को सड़क पर बैठाकर पढ़ाया जायेगा, जिसका जिम्मेदार विभाग होगा.
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