Manoj Dutt Dev
Latehar, 07 October: लातेहार जिला के मनिका प्रखण्ड के जुन्गुर गांव में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आयी है. यहां एक बुजुर्ग की लाश के साथ जो हुआ वह समाज को झकझोर देने वाला है. मरने के बाद तो हर किसी को बस दो गज जमीन की जरूरत होती है, लेकिन यहां तो लोगों ने आंखों में धर्म की पट्टी बांधकर इंसानियत को तार-तार कर दिया. पहले तो लाश को दफनाने के लिए लोगों ने जमीन नहीं दी और जब किसी ने जमीन दे दी तो धर्म के ठेकेदारों को यह रास नहीं आया. इंसानियत को दरकिनार कर उन लोगों ने कब्र खोदकर लाश निकाल ली और उसी के दरवाजे पर फेंक आये जिसने लाश को दफनाने के लिए जमीन दी थी.
मृतक के बड़े बेटे ने दफनाने के लिए नहीं दी जमीन

जुन्गुर गांव के बुजुर्ग देवलाल उरांव ने 2015 में ईसाई धर्म को अपना लिया था. उनकी इच्छा थी कि मरने के बाद उनकी लाश को अपनी ही जमीन में दफनाया जाये. 26 सितंबर को देवलाल की मौत हो गयी. उसके बाद उनके छोटे बेटे प्रेम उरांव ने अपने पिता की अंतिम को पूरा करना चाहा, लेकिन उसे पिता की इच्छा को पूरा करने से उसके ही बड़े भाई कामेश्वर उरांव और गांव के अन्य लोगों ने रोक दिया. बता दें कि कामेश्वर उरांव सरना धर्म मानता है और उसे अपने पिता के इसाई धर्म को मानने से काफी चिढ़ थी. वह अपने पिता को विदेशी कहकर चिढ़ाता था.


ग्राम प्रधान के नेतृत्व में कब्र खोदकर निकाली गयी लाश
जब लाश को दफनाने के लिए जमीन नहीं मिली तब गांव के ही लक्ष्मण उरांव ने 27 सितंबर को देवलाल की लाश को दफनाने के लिए अपनी जमीन दे दी. लाश को दफना दिया गया. इसके ठीक एक दिन बाद 28 सितंबर को ग्राम प्रधान पंकज उरांव के नेतृत्व में गांव के कुछ लोगों ने देवलाल की लाश को कब्र से निकाल लिया और जमीन दाता लक्ष्मण उरांव के दरवाजे पर फेंक आये.
बिना मामला दर्ज किये पुलिस ने जलवा दी लाश
मामले की सूचना मिलने के बाद मनिका थाना की पुलिस ने बिना मामला दर्ज किये ही चौकीदार राजेंद्र उरांव को जुन्गुर गांव भेजा औऱ जल्द से जल्द शव को जलाने का निर्देश दिया. ग्रामीणों के विरोध के बीच 29 सितंबर को देर रात शव को जला दिया गया.
छोटे बेटे ने लगायी अफसरों से न्याय की गुहार
पिता की लाश के साथ हुए अपमान से दुखी प्रेम उरांव ने इलाके के पुलिस, पत्रकार और समाजसेवियों से इंसाफ की गुहार लगायी, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी. सभी ने एक ही बात कहकर टाल दिया कि जब गांव में धर्म परिवर्तन को लेकर इतना विरोध है तो अपने धर्म में वापस क्यों नहीं लौट जाते. समाज के प्रबुद्ध लोगों ने यह भी सलाह दी कि अब जब लाश जल ही चुका है तो इतना बखेड़ा खड़ा करने का क्या फायदा. प्रेम और लक्ष्मण ने भी हार नहीं मानी है. दोनों ने जिले के एसपी, डीसी और अन्य पदाधिकारियों को शनिवार को आवेदन देकर मामले की जानकारी दी है और इंसाफ की गुहार लगायी है.
इन लोगों पर है शव को अपमानित करने का आरोप
आवेदन में प्रेम और लक्ष्मण ने गांव के ललमनिया देवी, बरो देवी, कल्टी देवी, शीला देवी, फागो देवी , इन्द्र देवी, पनपती देवी, शांति देवी, निम्बो देवी, महेर्जी देवी, मंगीता देवी, चरकू उरांव, कामेश्वर उरांव, सुरेश उरांव, राजेन्द्र उरांव, राजेश उरांव, अशोक उरांव, शीतल उरांव, बिर्मल उरांव, सुनील उरांव, रंजीत उरांव, बल्केश्वर उरांव, मनलाल उरांव, सुदेश उरांव, धन उरांव, धनेश्वर उरांव, पंकज उरांव और सोमार उरांव पर शव को कब्र से निकालकर फेंकने और इसाई बोलकर शव के साथ गाली-गलौच करने का आरोप लगाया है.
दोषियों पर होगी कार्रवाईः एसपी
लातेहार डीसी पीके गुप्ता ने कहा की मामले की जांच के लिए लातेहार एसपी को पत्र लिखा गया है. वहीं एसपी धनंजय सिंह ने कहा कि मामले की पूरी जांच कि जा रही है. जो भी दोषी होंगे उनपर कार्यवाही होगी. उन्होंने बताया कि मामले कि जांच मनिका एसडीपी कर रहे हैं. वहीं मनिका थाना प्रभारी अभय शंकर ने बताया कि इस मामले को लेकर पुलिस पर प्रश्नचिन्ह लगाना सही बात नहीं है. लाश को दफ़नाने, निकलने और जलाने वाले सभी एक ही लोग हैं, फिर भी मामले कि जांच हो रही है.