
Ranchi: रांची पुलिस ने सोमवार को श्रीवास्तव गिरोह के गिरफ्तार अपराधियों को मीडिया के सामने लाया. एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने पकड़े गये अपराधियों के पास से बरामद हथियार व नकदी की जानकारी मीडिया को दी. पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों के पास से बरामद सामानों का ब्योरा भी दिया है. जिसके मुताबिक अपराधियों के ठिकानों से एके-47 जैसे हथियार के साथ-साथ 17.50 लाख रुपये नगद और 40 तस्वीरें मिली हैं. बरामद तस्वीरें, उनकी हैं, जिनकी हत्या करने के लिए अपराधियोंं को टास्क मिला था.
श्रीवास्तव गिरोह ने जिन लोगोंं की हत्या की योजना बनायी है, वह सभी विकास तिवारी गिरोह के लोग हैं. पुलिस के इस खुलासे से यह साफ हो गया है कि अगर पुलिस ने इन अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया होता, तो कुछ दिनों में वे 40 लोग मारे जाते, जिनकी तस्वीरें अपराधियों को उपलब्ध कराये गये थे. पुलिस ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि श्रीवास्तव गिरोह के लोग किन 40 लोगों की हत्या की योजना तैयार कर रखा है. उल्लेखनीय है कि सुशील श्रीवास्तव और भोला पांडेय गिरोह के बीच लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई चल रही है.
एसएसपी ने किया भाजपा नेता पंकज गुप्ता हत्याकांड का खुलासा.
मारना था मनोज कुमार शुक्ला को, गलत पहचान के कारण मारे गये पंकज गुप्ता.
Ranchi: रांची पुलिस ने सोमवार को श्रीवास्तव गिरोह के गिरफ्तार अपराधियों को मीडिया के सामने लाया. एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने पकड़े गये अपराधियों के पास से बरामद हथियार व नकदी की जानकारी मीडिया को दी. पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों के पास से बरामद सामानों का ब्योरा भी दिया है. जिसके मुताबिक अपराधियों के ठिकानों से एके-47 जैसे हथियार के साथ-साथ 17.50 लाख रुपये नगद और 40 तस्वीरें मिली हैं. बरामद तस्वीरें, उनकी हैं, जिनकी हत्या करने के लिए अपराधियोंं को टास्क मिला था.
श्रीवास्तव गिरोह ने जिन लोगोंं की हत्या की योजना बनायी है, वह सभी विकास तिवारी गिरोह के लोग हैं. पुलिस के इस खुलासे से यह साफ हो गया है कि अगर पुलिस ने इन अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया होता, तो कुछ दिनों में वे 40 लोग मारे जाते, जिनकी तस्वीरें अपराधियों को उपलब्ध कराये गये थे. पुलिस ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि श्रीवास्तव गिरोह के लोग किन 40 लोगों की हत्या की योजना तैयार कर रखा है. उल्लेखनीय है कि सुशील श्रीवास्तव और भोला पांडेय गिरोह के बीच लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. इस दौरान पहले भोला पांडेय, किशोर पांडेय और फिर सुशील श्रीवास्तव की हत्या हो चुकी है. वर्चस्व की लड़ाई में अब तक दो दर्जन से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. वर्तमान में सुशील श्रीवास्तव का बेटा अमन श्रीवास्तव, श्रीवास्तव गिरोह का सरगना है और विकास तिवारी पांडेय गिरोह का. अमन श्रीवास्तव अभी जेल से बाहर है, जबकि विकास तिवारी अभी पलामू जेल में बंद है.
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खलारी के मनोज कुमार शुक्ला की हत्या करने वाले थे अपराधी
एसएसपी ने पत्रकारों को बताया कि कैसे भाजपा नेता पंकज गुप्ता की हत्या श्रीवास्तव गिरोह के अपराधियों ने गलतफहमी में कर दी. हत्या में शामिल अपराधी किसी दूसरे व्यक्ति की हत्या करने की योजना बनाकर पिस्का नगड़ी स्थित रामलाल स्वीट्स के नजदीक पहुंचे थे. जिस व्यक्ति की हत्या की जानी थी, वह खलारी के रहने वाले हैं और उनका नाम मनोज कुमार शुक्ला है. लेकिन गलत पहचान कराये जाने के कारण पंकज गुप्ता को अपराधियों ने गोली मार दी. घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी. एसएसपी ने बताया कि अनुसंधान के दौरान अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. अपराधियोंं के पास से एके-47 समेत अन्य हथियार बरामद किये गये.
विकास तिवारी गिरोह के लोगों को चुन-चुन कर मारने की है योजना
एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस को बताया है कि वे सभी अमन श्रीवास्तव गैंग के हैं और विरोधी गैंग विकास तिवारी के लोगोंं को चुन-चुन करके मारने की रणनीति बनायी है. इसी रणनीति के तहत खलारी निवासी मनोज कुमार शुक्ला को मारने की योजना बनायी गयी थी. मनोज कुमार शुक्ला के करीबी असलम व एक अन्य व्यक्ति ने ही सूचना दी थी कि 11 मार्च को मनोज कुमार शुक्ला धुर्वा व नगड़ी जाने वाला है. इसी सूचना पर अमन श्रीवास्तव ने अपराधी असलम व मेदुल को पिस्का नगड़ी भेजा था. लेकिन वहां गलत पहचान के कारण पंकज गुप्ता की हत्या कर दी.
असलम है घटना का मास्टरमाइंड
अमन श्रीवास्तव गैंग के खलारी निवासी असलम इस घटना का मास्टरमाइंड है. असलम अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है. असलम ने ही मनोज कुमार शुक्ला के नजदीकी मो परवेज और मो अकबर को प्रलोभन और धमकी देकर अपने पक्ष में कर लिया. ये दोनों मनोज कुमार शुक्ला की हर गतिविधि की जानकारी असलम को देते थे. मो. परवेज और मो. अकबर ने ही सूचना दी थी कि 11 मार्च को मनोज शुक्ला धुर्वा और नगरी जाने वाले हैं. हमलोग भी साथ रहेंगे. इसी सूचना पर मनोज कुमार शुक्ला समझकर पंकज गुप्ता पर गोली मार दी गयी. घटना में नवील, जावेद, जहीर, और तबरेज ने सहयोग किया था.
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जो गिरफ्तार किये गये
पुंदाग निवासी मुबारक अंसारी
हिंदपीढ़ी निवासी नवील अख्तर
मोजाहिद नगर निवासी रजिया खातून
इटकी के रहमत नगर निवासी जहीर
खलारी निवासी परवेज व अकबर
जो हथियार बरामद हुए
– एक एके-47 राइफल, तीन मैग्जीन
– छह पिस्तौल
– एक रिवाल्वर
– छह देसी कट्टा
-09 पिस्तौल का मैग्जीन
– 60 एके-47 की गोली
– 45- .315 बोर की गोली
– .9 एमएम की 40 गोली
– 7.62 बोर की 27 गोली
– .38 बोर की 04 गोली
– 500 ग्राम विस्फोटक सामग्री
– 17.50 लाख रुपया नकद.
– 40 मोबाइल
– 02 मोटरसाइकिल
– 01 बैग
– 01 हेलमेट
– 40 फोटोग्राफ्स (हत्या के लिए लक्षित व्ययक्तियों की)
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गौरतलब है कि तीन मार्च रविवार को लोहरदगा के भाजपा जिला कोषाध्यक्ष पंकज गुप्ता की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. अपराधियों ने पंकज को पिस्का स्टेशन के पास रामलाल स्वीटस के सामने गोली मारी थी. पुलिस जमीन विवाद में हत्या समेत कई बिंदुओं पर जांच कर रही थी.
एसआईटी की टीम कर रही थी मामले की जांच
भाजपा नेता की हत्या के बाद एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने इस मामले की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया था, जिसमें रांची के ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग के नेतृत्व में DSP खलारी पुरुषोत्तम कुमार, DSP HQ-2 विजय सिंह, रातू, मांडर, चान्हो, तुपुदाना और नगड़ी के थाना प्रभारियों को शामिल किया गया था. इसके अलावा लोहरदगा की भी एक स्पेशल पुलिस टीम इस पूरे मामले की जांच में जुटी थी. इस हत्याकांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए CID, FSL, DOG स्क्वायड और ATS की भी स्पेशल टीम लगी हुई थी. पुलिस ने हत्याकांड के बाद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपराधियों की तस्वीर जारी की थी. पुलिस ने अपराधियों की जानकारी देने वाले को इनाम देने की भी घोषणा की थी.
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100 लोगों से की गयी थी पूछताछ
भाजपा नेता पंकज गुप्ता (55 वर्ष) हत्याकांड में पुलिस ने कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. भाजपा नेता हत्याकांड में पुलिस ने लगभग 100 लोगों का सत्यापन कर पूछताछ की थी. पंकज के भाई नीरज कुमार गुप्ता के बयान पर नगड़ी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. दर्ज प्राथमिकी में किसी को नामजद आरोपी नहीं बनाया गया था.
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