
Ranchi : राज्य सभा सांसद परिमल नाथवानी के सलाहकार भाजपा नेता संदीप वर्मा ने परिमल नथवानी की किताब गीर लायन प्राइड ऑफ गुजरात को नायाब कलेक्शन बताया है. वर्मा ने किताब का जिक्र करते हुए उसे पठनीय बताया है. उन्होंने कहा कि इसमें शेरों के जीवन के पहलुओं को सजीदगी से छुआ गया है. संदीप वर्मा ने परिमल नाथवानी पत्र लिख कर किताब लिखने के लिए आभार प्रकट किया है. साथ ही लिखा है कि आप विकास की नब्ज पकडना जानते हैं. विकास के रास्ते में आने वाली हर बाधा दूर कर देते हैं. गौरतलब है कि परिमल नाथवानी की किताब गीर लायन प्राइड ऑफ गुजरात इन दिनों सुर्खियां बटोर रही हैं. किताब पीएम मेादी को समर्पित की गयी है. रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने किताब में अपना संदेश लिखा है.
मुकेश अंबानी ने किताब की प्रशंसा करते हुए साधुवाद दिया
अपने संदेश में मुकेश अंबानी ने किताब की प्रशंसा करते हुए साधुवाद दिया है. उन्होंने कहा है कि यह गीर वन के रहस्यों से परदा उठाती है. किताब अनूठी मिसाल है, जो शेरों के जीवन के पहलुओं को बारी-बारी से छूती है. किताब में परिमल नाथवानी अबानी परिवार से अपने संबंधों का जिक्र करते हुए बताया है कि कैसे उस परिवार ने उन्हें गीर घुमाने का असाइनमेंट दिया था. इसके अलावा संदीप वर्मा ने अपने पत्र में परिमल नाथवानी के सलाहकार के रूप में बिताये दिनों की चर्चा करते हुए नाथवानी द्वारा किये गये विकास कार्यों की सराहना की है. अपने पत्र में वर्मा ने सांसद के कामों को याद किया है. उन्होंने कहा कि आपने बिना किसी जाति-धर्म के भेदभाव के इस्लाम नगर बचाने का प्रयास किया. अपना काम पूरी निष्ठा से किया. वहां के लोगों की मदद की. हरमू मुक्ति धाम के स्वर्गद्वार का निर्माण कराया.


ईमानदार प्रयासों से आप झारखंड के होकर रह गये




वर्मा ने लिखा है कि कांके के गांव में आदर्श गांव की परिकल्पना को साकार किया. सांसद मद से यहां 17-18 किमी सडक का निर्माण कराया गया. सेालर लाइट, स्कूल व शैाचालय का निर्माण हुआ. अस्पताल, एंबुलेंस सेवा, अखडा निर्माण, मसना की घेराबंदी आपकी देख्ररेख में किये गये. अखडा निर्माण कार्य कर आपने बता दिया कि आप आदिवासियों की भावना का कितना सम्मान करते हैं. उनकी परंपराओं के प्रति सकारात्मक सेाच रखते हैं. पत्र में भरोसा जताया गया है कि श्री नाथवानी के विकास कार्य से आगे भी रांची की जनता लाभ उठाती रहेगी. उन्होंने बताया कि जब परिमल नाथवानी ने रांची से राज्य सभा के लिए नामांकन किया तो चर्चा थी कि गुजरात का आदमी झारखंड को क्या समझेगा. लेकिन दूरदृष्टि, सेवाभाव, ईमानदार प्रयासों से आप झारखंड के होकर रह गये.
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