
Aurangabad: लापरवाही की कीमत कभी-कभी जान से चुकानी पड़ जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ महाराष्ट्र के औरंगाबाद में जहां महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी के एक अधिकारी की लापरवाही के कारण शहर में सब्जी बेचने वाले शख्स ने खुदकुशी कर ली. दरअसल, विभाग की ओर से सब्जी विक्रेता को 8 लाख 64 हजार का बिजली बिल भेजा था. जिसे देखकर उसके होश उड़ गये. इस भारी-भरकम बिजली बिल ने पहले तो उसकी नींद उड़ा दी, बाद में परेशान होकर उसने अपनी जान दे दीय पीड़ित का नाम भागिनाथ शेलके बताया जा रहा है.
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आखिर कैसे आया इतना अधिक बिल



दरअसल औरंगाबाद के भारत नगर गांव में रहने वाले भागिनाथ शेलके ने नया मीटर लगवाया था. और उसकी मीटर की रीडिंग 6117 यूनिट थी, लेकिन रीडिंग नोट करनेवाले कर्मी ने गलती से 61178 यूनिट लिख डाला, यानी सही खपत से 55061 यूनिट ज्यादा. इस गलती के बाद भागिनाथ लगाता गलती सुधारवाने के लिए बिजली ऑफिस के चक्कर काटता रहा लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. बाद में 2,803 रुपये बिल की जगह 8 लाख 64 हजार रुपये का बिल विभाग ने भागिनाथ को सौंप दिया. इतनी बड़ी रकम को लेकर सब्जी बेचने वाले भागिनाथ परेशान था. फरवरी महीने से भागिनाथ शेलके, गारखेड़ा के महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी के दफ्तर में चक्कर काट रहा था लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी. भगिनाथ के रिश्तेदार ने बताया कि जूनियर अकाउंटेंट ने भागिनाथ को पूरा 8 लाख 64 हजार रुपये का बिल अदा करने के लिए कहा था जिससे वो और अधिक परेशान हो गया था.



तंग आकर दी जान
सब्जी बेचने का छोटा सा काम करने वाले भागिनाथ, टीन शेड के घर में अपने परिवार के साथ रहते थे. बिल को लेकर हुई चूक को सुधरवाने की उसने हर मुमकिन कोशिश की. कहीं से राहत मिलती ना देख. गुरवार सुबह मौत को गले लगा लिया. गुरुवार सुबह जब भगिनाथ के घर पर कोई नहीं था. उनकी पत्नी गांव से बाहर गई हुए थी और बेटा आंगन में सोया था इसी दौरान भागिनाथ ने खुदकुशी कर ली. जानकारी के मुताबिक फांसी लगाने से पहले भागिनाथ ने सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उसने महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी को अपना मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
असिस्टेंट अकाउंटेंट निलंबित
घटना की जानकारी होने के बाद पहले तो महावितरण के अधिकारी मामले को मानने से ही इनकार कर रहे थे. लेकिन सुसाइड नोट के सामने आने के बाद अधिकारियों ने पूछताछ का फैसला लिया. इस मामले में, पुंडलिक नगर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है. भागिनाथ के रिश्तेदारों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती वो भगिनाथ का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. मिली जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने प्रेस नोट के जरिए अपनी गलती मान ली और एक असिस्टेंट अकाउंटेंट को निलंबित भी कर दिया गया है.
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गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने कम बारिश होने के कारण राज्य में तकरीबन 16 हजार गांव को सूखाग्रस्त घोषित किया, इसमें अधिकतर सूखाग्रस्त इलाके मराठवाड़ा और विदर्भ इलाके में हैं. सूखाग्रस्त घोषित किए जाने के चलते इन इलाकों के लोगों को और खासकर किसानों को बिजली के बिल में 35 % राहत देने की बात कही गई. एक ओर सरकार की ओर से राहत का मरहम है, वही दूसरी ओर जरा सी लापरवाही और बिजली विभाग के उदासीन रवैये ने आज किसी की जान ले ली.
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