नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व आम आदमी पार्टी (आप) के पांच अन्य नेताओं को मानहानि के एक मामले में राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने गुरुवार को जमानत दे दी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केजरीवाल व आप के अन्य नेताओं के खिलाफ मानहानि का आपराधिक मुकदमा दायर किया था। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुमित दास ने केजरीवाल तथा आप नेताओं कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा व दीपक वाजपेयी को पेशी के बाद जमानत दे दी।
केजरीवाल तथा अन्य नेताओं को सात अप्रैल को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए मार्च में सम्मन जारी किया गया था।
अदालत ने कहा, “ये आरोप जमानती है, इसलिए सभी आरोपियों को जमानत दी जाती है।”
अदालत ने प्रत्येक को 20-20 हजार रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही जमानत राशि जमा करने को कहा। केजरीवाल के जमानतदार गोपाल मोहन बने। जबकि दिल्ली के खाद्य व आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन की जमानत आप नेता आशुतोष ने दी।
संजय सिंह की जमानत उत्तम नगर के विधायक नरेश बालियान ने दी। कुमार विश्वास की जमानत लक्ष्मीनगर के विधाय नितिन त्यागी ने दी। चड्ढा की जमानत बुरारी के विधायक संजीव झा ने दी। बाजपेयी की जमानत महरौली के विधायक नरेश यादव ने दी।
केजरीवाल व अन्य के खिलाफ मुकदमा दायर करने वाले जेटली भी उस वक्त अदालत में मौजूद थे।
अदालत में आप नेताओं की पेशी के दौरान अदालत के गेट नंबर 2 पर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई।
जेटली ने अदालत से पांच जनवरी को कहा था कि उनलोगों ने उनके खिलाफ दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) से संबंधित एक मामले में झूठा व अपमानजनक बयान दिया, जिसके कारण उनकी छवि को नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा कि आप नेताओं ने यह बयान केजरीवाल के साथ काम कर रहे एक नौकरशाह के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच से ध्यान भटकाने के लिए दिया।
उन्होंने अदालत से केजरीवाल व अन्य नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा शुरू करने की दरख्वास्त की।
आप नेताओं ने डीडीसीए में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, जिसके जेटली 13 वर्षो तक प्रमुख रहे। उन्होंने हालांकि आप नेताओं के आरोपों को खारिज किया।