
Bhopal : मध्यप्रदेश में विधानसभा की दोनों सीटों मुंगावली और कोलारस के लिए हुए उपचुनाव के नतीजेों ने कांग्रेस में जान डाल दी है. दोनों सीटें जीतकर कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा को करारा झटका दिया है. हालांकि दोनों सीटों पर कांग्रेस विधायकों के निधन के कारण उपचुनाव कराना पड़ा था. बुधवार को नतीजों से कांग्रेस व भाजपा की सदस्य सूची पर कोई फर्क नहीं पड़ा है. राज्य में इस वर्ष के अंत में विधानसभा के चुनाव हैं, लिहाजा उपचुनावों के नतीजे शिवराज सिंह चौहान सरकार के लिए बड़ा सबक देने वाले हैं. ये दोनों चुनाव कांग्रेस और शिवराज सरकार दोनों के लिए ही नाक का सवाल बन गये थे. इसीलिए हारने के बाद भाजपा खेमे में मायूसी है. उसने कांग्रेस की सीटें होने के बावजूद जीत के लिए जबरदस्त ताकत लगाई थी. बडे़ नेताओं ने चुनाव क्षेत्र में कैम्प किया था. उधर ओडिशा में भी सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) ने बीजेपुर सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर ली है.
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का रेाड शेा काम न आया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रोड शो किये थे और मतदाताओं से पांच माह मांगे थे. साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाई थी ताकि दो में से एक सीट जीतकर वह कांग्रेस पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना सके. दरअसल दोनों सीटें कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र गुना में हैं. यदि कांग्रेस यह चुनाव हार जाती तो भाजपा सिंधिया के साथ उसका मनोबल तोड़ने में भी कोई कसर नहीं रखती. शिवराज के मुकाबले सिंधिया कांग्रेस का चेहरा हो सकते हैं, यह मानकर भी भाजपा ने पूरी ताकत झोंकी.
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