औरंगाबाद (बिहार): बिहार के औरंगाबाद जिले के चंद्रगढ़ गांव के पास मंगलवार की शाम नक्सलियों ने एक बारूदी सुरंग में विस्फोट कर एक पुलिस जीप को उड़ा दिया, जिसमें एक थाना प्रभारी सहित सात पुलिसकर्मी शहीद हो गए। पिछले छह महीने में नक्सलियों ने इस तीसरी बड़ी घटना को अंजाम देकर पुलिस को एक बार फिर चुनौती दी है।
बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) रवींद्र कुमार ने बताया कि चंद्रगढ़ मोड़ के पास नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर एक पुलिस जीप को उड़ा दिया। जीप में सवार सात पुलिसकर्मी शहीद हो गए। शहीद हुए पुलिसकर्मियों में टंडवा के थाना प्रभारी अजय कुमार, पुलिस के पांच जवान और एक होमगार्ड का चालक शामिल था। उन्होंने बताया की विस्फोट में पुलिस जीप पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
उन्होंने बताया कि औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और पटना से भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल की ओर रवाना हो गए हैं।


वैसे, औरंगाबाद में यह कोई पहली नक्सली वारदात नहीं है। ग्रामीण कहते हैं कि बिहार और झारखंड कर सीमा पर बसे गांवों में नक्सलियों का आना-जाना लगा रहता है।




पुलिस अधिकारी भी मानते हैं कि सीमा वाले क्षेत्रों में घटना को अंजाम देकर नक्सली आसानी से दूसरे राज्यों की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं।
इसके पूर्व औरंगाबाद जिले के गोह में इसी वर्ष 17 जुलाई को नक्सलियों ने एक सड़क निर्माण कंपनी के बेस कैम्प में हमलाकर तीन विशेष सहायक पुलिस जवानों और कंपनी के दो निजी सुरक्षा गार्डो की हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद इस क्षेत्र में लोगों में दहशत व्याप्त हो गया है।
इसके बाद नक्सली विभिन्न इलाकों में छोटी-छोटी घटनाओं को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे, परंतु कोई बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे सके थे। इसी बीच 17 अक्टूबर को नक्सलियों ने एक और धमाका किया।
इससे पहले नक्सलियों ने औरंगाबाद जिले के खुदवां थाना के पथरा गांव के समीप बारूदी सुरंग विस्फोट कर एक कार को उड़ा दिया था। मरने वालों में रणवीर सेना के समर्थक माने जाने वाले सुशील पांडेय समेत सात लोग शामिल थे। इस घटना को जातीय संघर्ष से भी जोड़कर देखा जाने लगा। -मनोज पाठक.