
Ranchi : झारखंड में 20 लीटर जार में पैक कर पानी का कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है. नियम कानून नहीं होने की वजह से इन पर नकेल भी नहीं कसा जा रहा है. जबकि रांची नगर निगम ने पिछले साल यानी नवंबर 2017 में नगर विकास विभाग को गाइडलाइन तय कर कानून बनाने के लिए एक प्रस्ताव भेजा था. जानकारी के मुताबिक पानी से जुड़े कारोबार पर नियम तय करने के लिए नगर विकास विभाग दूसरे राज्यों के बने नियमों और मापदंडों की जानकारी जुटा रही है, इसलिए इसे अमली जामा पहनाने में थोड़ी देरी हो रही है.

Ranchi : झारखंड में 20 लीटर जार में पैक कर पानी का कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है. नियम कानून नहीं होने की वजह से इन पर नकेल भी नहीं कसा जा रहा है. जबकि रांची नगर निगम ने पिछले साल यानी नवंबर 2017 में नगर विकास विभाग को गाइडलाइन तय कर कानून बनाने के लिए एक प्रस्ताव भेजा था. जानकारी के मुताबिक पानी से जुड़े कारोबार पर नियम तय करने के लिए नगर विकास विभाग दूसरे राज्यों के बने नियमों और मापदंडों की जानकारी जुटा रही है, इसलिए इसे अमली जामा पहनाने में थोड़ी देरी हो रही है.

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क्या खास है रांची नगर निगम के प्रस्ताव में
- रांची नगर निगम के प्रस्ताव में बोरिंग और डीप बोरिंग को आधार बनाकर तैयार किया गया है. जिसमें तीन तरह की बोरिंग की बात कही गई है.
- घरेलू 4 इंच के बोरिंग के लिए कही से किसी की अनुमति की जरूरी नहीं होगी.
- स्कूल, कॉलेज, हॉस्पीटल, अपार्टमेंट आदि संस्थानों के लिए 4 इंच के बोरिंग के लिए अनुमति की जरुरत नहीं होगी, जबकि 6 इंच के लिए एनओसी लेना अनिवार्य होगा.
- बोरिंग के व्यवसायिक इस्तेमाल करने की स्थिति में 4 और 6 इंच दोनों बोरिंग के लिए शुल्क के साथ नगर निगम से एनओसी लेना होगा.
- बोरिंग के व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए और भी कई जरूरी मापदंडों को पूरा करना होगा. जिसके लिए रांची नगर निगम ने नगर विकास विभाग को प्रस्ताव दिया है.
- बोरिंग का व्यवसायिक इस्तेमाल करने के लिए अनुमति लेने वाले को बीआईएस और एफएसएसआई प्रमाण पत्र लेना होगा. साथ ही उसे तय समय पर पानी के लैब टेस्ट का रिपोर्ट जमा करना होगा.
- नगर निगम बोरिंग के व्यवसायिक इस्तेमाल की अनुमति लेने के पहले वहां का भौतिक निरीक्षण करेगी और देखेगी की उस इलाके में भूगर्भ जल की क्या स्थिति है.
- बोरिंग के पानी का व्यवसायिक इस्मेमाल करने वाले को वहां पर वाटर रिचार्ज सिस्टम बनाना होगा. क्योंकि वाटर प्यूरिफायर प्लांट में 120 प्रतिशत पानी बेकार जाता है.
- साथ ही बोरिंग के व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए अनुमति लेने वाले को इस बात की गारंटी देनी होगी कि उससे किसी तरह का प्रदूषण और गंदगी नहीं फैलेगी.
- पहले से बोरिंग का व्यवसायिक इस्तेमाल करने वाले संचालकों को तय नियमों को पूरा करने के लिए 90 दिन का समय मिलेगा. जो लोग तय नियम और शर्तों को पूरा नहीं करेंगे, उन्हें पानी का करोबार करने की अनुमति नहीं मिलेगी.
- रांची नगर निगम ने नियमावली बनाने के लिए अपना प्रस्ताव 2017 के नवंबर महीने में ही भेज दिया था. हालांकि नगर विकास विभाग में इसमे कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रहा है और अन्य राज्यों में बने नियमों की समीक्षा कर रहा है. पानी के कारोबार से जुड़े प्रस्ताव को विभाग ने प्रोसेस में कर मंजूर कर दिया तो यह झारखंड नगरपालिका अधिनियम में शामिल हो जायेगा और पूरे राज्य के नगर निकायों के लिए लागू होगा. इससे अनियंत्रित तरीके से बोरिंग के व्यवसायिक इस्तेमाल पर नियंत्रण होगी.
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