News Wing Daltonganj, 23 October: आस्था का महापर्व छठ मंगलवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो रहा है. छठ पूजा को लेकर डाल्टनगंज शहर के सभी घाटों की सफाई और सौन्दर्यीकरण का काम तेज हो गया है. सोमवार को पलामू पुलिस की ओर से कोयल नदी और अमानत नदी छठ घाटों की सफाई के लिए विशेष आयोजन किया गया. इसमें पुलिस जवानों के अलावा़ सार्जेंट मेजर समीर कुमार और सार्जेंट प्रणव कुमार ने भी अपना योगदान दिया. इससे पहले रविवार को एसपी इन्द्रजीत माहथा ने छठ घाटों का निरीक्षण किया था और घाटों की सफाई में पुलिस की सहभागिता की इच्छा जतायी थी.

मलय नदी के घाट की नवयुवक दल ने की सफाई

छठ को लेकर डाल्टनगंज शहर के साथ-साथ गांवों में भी काफी उत्साह दिख रहा है. सभी घाटों पर श्रद्धालु साफ-सफाई में लगे हुए हैं. सतबरवा में मलय नदी के लक्ष्मण घाट पर सोमवार को नवयुवक दल की ओर से सफाई अभियान चलाया गया, साथ ही पहुंच पथ को भी दुरूस्त किया गया. वहां अवस्थित मंदिर का रंगरोगन और सजाने का काम भी किया गया. इधर रामघाट पर भी सफाई और सौन्द़र्यीकरण का काम जारी है. इसमें राष्ट्रीय जयजवान संघ अपनी पूरी सक्रियता दिखा रहा है.
मुखिया के नेतृत्व में पंटवटी घाट पर चला सफाई अभियान
शहर से सटे सुदना स्थित पंचवटी घाट पर भी सोमवार को सुदना पश्चिमी के मुखिया सत्येन्द्र तिवारी के नेतृत्व में सफाई अभियान चलाया गया. इस कार्य में रामाशीष पांडेय, अरूण दुबे, मणि भारती, धीरेन्द्र पांडेय, राजेन्द्र जी, विशाल गुप्ता, रामाधार गुप्ता, अजीत सोनी, मनोज सिंह, दिग्विजग सिंह, अशोक राम, राम भजन और कन्हाई दुबे ने भी अपनी सहभागिता निभायी.
26 को अस्ताचलगामी और 27 को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देंगे श्रद्धालु
छठ पर्व को लेकर बाजारों में भीड़ बढ़ गयी है, साथ ही छठ सामग्रियों की बिक्री भी तेज हो गयी है. हालांकि महंगाई का असर छठ बाजारों पर भी दिख रहा है. कल से चार दिवसीय छठ महापर्व नहाय-खाय से शुरू होगा. नहाय-खाय के दिन छठव्रती कद्दू की सब्जी और भात भगवान को अर्पित करेंगे और प्रसाद स्वरूप इसे ग्रहण भी करेंगे. दूसरे दिन खरना का अनुष्ठान होगा. 25 अक्टूबर की शाम में व्रती गाय के दूध और अरवा चावल और गुड़ की खीर तैयार करेंगे और भगवान को भोग लगाने के बाद व्रती स्वयं इसे ग्रहण करेंगे और प्रसाद के रूप में वितरण भी करेंगे. खरना का अनुष्ठान सम्पन्न होते ही छठ व्रती का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जायेगा. 26 अक्टूबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा, जबकि 27 अक्टूबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही इस महापर्व का समापन हो जायेगा.