नई दिल्ली: श्रीलंका से हार के बाद यूवी को विलेन बताया जा रहा है। क्या यह न्यायोचित है? जबकि उनसे अधिक टीम इंडिया के कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी भी सवालों को घेरे में होने चाहिए। सवाल उठ भी रहे हैं। उनके बारे में कहा जा रहा है कि वह खुद खेलने से बचते हैं। यदि आईपीएल में वह तीसरे नंबर पर खेलते हैं तो टी20 वर्ल्ड कप में खुद को क्यों रोके रहे? जाहिर है हर सीजन में धोनी की टीम चेन्नै सुपरकिंग्स शानदार परफॉर्मेंस करती है। इसमें धोनी का सबसे बड़ा योगदान होता है। धोनी आईपीएल में तीसरे नंबर पर आक्रामक पारी खेलते हैं। ऐसे में धोनी पांचवे या छठे नंबर पर खेलने क्यों आते हैं? वह भी तब जब टीम को आतिशी पारी की जरूरत होती है। ज्यादातर तो ऐसा होता है कि धोनी को खेलने का मौका ही नहीं मिलता। रविवार को मैच के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने भी धोनी पर सवाल उठाए कि वह पहले आने से क्यों बचते हैं, जबकि उन्हें पता है कि वह आतिशी पारी खेल सकते हैं।
ऐसा भी नहीं कह सकते कि श्री लंका के बोलर कुछ ज्यादा ही घातक बोलिंग कर रहे थे। क्योंकि विराट कोहली ने किसी को नहीं बख्शा। वह बड़े आरम से खेल रहे थे। 16वें ओवर में विराट 50 बॉल पर 70 रन मार चुके थे। तब इंडिया का स्कोर 2 विकेट पर 111 रन था। विकेट पर्याप्त बचे थे। बस केवल अंतिम आक्रमण की जरूरत थी। अंतिम चार ओवर में कोहली को सिर्फ 8 बॉल खेलने का मौका मिला। इन चार ओवरों में सिर्फ 19 रन बने। धोनी भी सात बॉल में चार रन ही बना पाए।