
Dhanbad: एक मां आज अपने कलेजे के टुकड़े से दूर है. अपने बेटे को देखने, छूने, उसे गले से लगाने के लिए वो तरस रही है. लेकिन दहेजलोभियों की करतूत ऐसी की उन्हें ना तो एक मां का दर्द नजर आता है, ना ही उसकी ममता. इधर पीड़ित महिला अपने बेटे को वापस पाने के लिए इंसाफ की आस में दर-दर भटक रही है. जी हां, ये दर्द है, पुरुलिया की रहनेवाली नीतू सेन गुप्ता का जिसकी शादी 2008 में धनबाद मनईटांड़ के राजू सेन गुप्ता से हुई थी.
Dhanbad: एक मां आज अपने कलेजे के टुकड़े से दूर है. अपने बेटे को देखने, छूने, उसे गले से लगाने के लिए वो तरस रही है. लेकिन दहेजलोभियों की करतूत ऐसी की उन्हें ना तो एक मां का दर्द नजर आता है, ना ही उसकी ममता. इधर पीड़ित महिला अपने बेटे को वापस पाने के लिए इंसाफ की आस में दर-दर भटक रही है. जी हां, ये दर्द है, पुरुलिया की रहनेवाली नीतू सेन गुप्ता का जिसकी शादी 2008 में धनबाद मनईटांड़ के राजू सेन गुप्ता से हुई थी.
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चंद रुपयों की लालच में लोभी ससुराल वालों ने पहले 2011 में उसे तब घर से निकाल दिया. जब नीतू का बच्चा महज सात महीने का था. लालची ससुरालवालों को एक दूधमुंहे को उसकी मां से अलग करने पर जरा सी हिचकिचाहट भी नहीं हुई. बाद में किसी तरह से दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ, लेकिन स्थिति नहीं सुधरी और एकबार फिर 1 मार्च 2018 को पीड़ित महिला को ये कहकर घर से निकाल दिया कि 2 लाख रुपये लेकर आओ, तभी बेटे का मुंह देखने को मिलेगा.




शुक्रवार को सिटी एसपी से मिली पीड़िता
अपने बेटे की वापसी और न्याय के लिए पीड़ित महिला शुक्रवार को सिटी एसपी के कार्यालय पहुंची और इंसाफ की गुहार लगाई. पीड़िता ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए बताया कि शादी के महज एक हफ्ते के बाद से ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा था. अक्सर उनके साथ मारपीट होती थी. वही 2011 में पीड़िता की भाई की शादी के दौरान पति ने मारपीट कर, ये कहकर घर से निकाल दिया कि भाई की शादी में खूब पैसा मिला है, लेकर आओ नहीं तो घर में घुसने नहीं देंगे. इस दौरान उसके 7 महीने के बच्चे को ससुरालवालों ने अपने पास रख लिया.
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दबाव में कराया गया समझौता
घर से निकाले जाने के बाद पीड़ित महिला ने थक हार कर दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया. जिसके बाद करीब डेढ़ साल ये मामला चला. वही ससुराल पक्ष से लगातार दबाव बनाने के बाद समझौता हुआ. और महिला अपने ससुराल लौट गयी. लेकिन इस दौरान भी प्रताड़ना का दौर खत्म नहीं हुआ. अक्सर पीड़ित महिला को खाने-पीने नहीं दिया जाता था. मायके वालों से बातचीत भी करने भी नहीं दिया जाता था. एक मां ये सब सहती रही, सिर्फ अपने बच्चे के लिए. लेकिन लालची ससुरालवालों का स्वभाव नहीं बदला. इसके बाद फरवरी 2018 में एकबार फिर नीतू के साथ उसके पति ने बुरी तरह से मारपीट की. वही 1 मार्च को उसे घर से निकाल दिया, इस बार भी नीतू को उसके बेटे को साथ ले जाने नहीं दिया गया. अब एक मां अपने बेटे को वापस पाने के लिए न्याय की गुहार लगा रही है.
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