
Coimbatore : केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता पोन राधाकृष्णन ने दावा किया है कि तमिलनाडु अब शांतिपूर्ण राज्य नहीं रहा, बल्कि यह चरमपंथियों के लिए ‘‘प्रशिक्षण केंद्र’’ बन गया है. वह 14 फरवरी, 1998 को कोयम्बटूर में हुए विस्फोट के मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस कार्यक्रम का आयोजन विभिन्न हिंदू संगठनों और भाजपा की ओर से किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि तमिलनाडु ऐसी ताकतों के लिए ‘‘शिविर और प्रशिक्षण केन्द्र’’ बनता जा रहा है.
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तमिल चरमपंथियों और इस्लामी आतंकवादियों ने मिला लिया है हाथ


वित्त एवं जहाजरानी राज्य मंत्री राधाकृष्णन ने कहा कि तमिलनाडु अब शांतिपूर्ण राज्य नहीं रहा, माओवादियों, तमिल चरमपंथियों और इस्लामी आतंकवादियों ने शासन के खिलाफ हाथ मिला लिया है. पिछले साल जल्लीकट्टू आंदोलन के समय यह स्पष्ट दिखा था. रेखांकित करते हुए कि इन बलों ने अगले 10-20 वर्षों के लिए योजना बना ली है, राधाकृष्णन ने कहा कि इसकी कोई जानकारी नहीं है कि सरकार और पुलिस विभाग को इसकी सूचना दी गयी है या नहीं.
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सरकार ने विस्फोट में मारे गये लोगों की याद में श्रद्धांजलि देने की दे रही अनुमति
जल्लीकट्टू के समर्थन में पिछले वर्ष चेन्नई के मरिना बीच पर 23 जनवरी को अयोजित वृहद प्रदर्शन हिंसक हो गया था. प्रदर्शनकारियों ने जल्लीकट्टू के आयोजन के पक्ष में अधिसूचना जारी होने के बावजूद उस दौरान प्रदर्शन जारी रखा था. मंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार 20 साल पहले भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी की चुनावी रैली में हुए विस्फोट में मारे गये 52 लोगों को श्रद्धांजलि देने की अनुमति नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने विस्फोट में मारे गये लोगों की याद में सरकार ने स्मारिका भी नहीं बनाने दी है.
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