
Ranchi : राज्य के कृषक मित्रों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात कर मानदेय भुगतान की मांग की है. कृषक मित्रों के चयन के नौ साल बाद भी किसी तरह का कोई वेतन या मानदेय नहीं दिया जाता है. जबकि कृषि के अधिकतर काम इनसे ही कराया जाता है. बता दें कि कुल 14132 कृषक मित्र हैं जिन्हें सालाना प्रोत्साहन राशि के रुप में मात्र छह हजार रुपये ही दी जाती है. इससे पहले देशभर में 16 हजार कृषक मित्र थे. झारखंड के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कृषि मित्रों को राजनीतिक फायदे के लिए सभा में मानदेय शुरू करने की घोषणा भी की थी जो कि अब तक नहीं शुरू हो पाया.
क्या काम करते हैं कृषक मित्र
कृषक मित्र प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना केसीसी कार्ड बनाना. मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड बनाना, दूसरी हरित क्रांति योजना, कृषि यंत्र दिलाना, श्रीविधि से खेती कराना, कृषक पाठशाला बीज वितरण कराना, दवा वितरण करना, किसान परिभ्रमण इत्यादी बहुत से काम करने होते है. जिनके लिए मात्र सालाना इन्हें छह हजार प्रोत्साहन राशि के रुप में दिया जाता है.


कृषक मित्रों के ये हैं 6 मांग
- कृषक मित्रों के लिए कुशल मजदूर के बराबर मानदेय लागु हो.
- 2012 से कृषक मित्रों का मानदेय लागु हो.
- 65 वर्ष उम्र सीमा निर्धारित की जाये.
- दस लाख दुर्घटना बिमा किया जाये.
- यात्रा भत्ता दिया जाये.
- जिन राज्यों से कृषक मित्रों को हटाया गया है उन्हें पुन: बहाल किया जाये.
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बनाया गया कृषक मित्र महासंघ
किसानों और कृषक मित्रों के हितों के संरक्षण के लिए कृषक मित्र महासंघ का गठन किया गया है. संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशि कुमार भगत ने केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से कृषि भवन में मुलाकात की. संगठन के उपाध्यक्ष के रुप में रुक्मणी सनौडिया, राष्ट्रीय सचिव रामलाल शर्मा और झारखंड के संथालपरगना प्रभारी काशी कुमार मंडल को बनाया गया है.
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