इस्लामाबाद : रूस के उफा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ की मुलाकात के तीन दिन बाद इस्लामाबाद के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे को शामिल किए बिना भारत-पाकिस्तान के बीच कोई वार्ता नहीं होगी और 26/11 के मुंबई हमले के संबंध में भारत को और सबूत देने होंगे। समा टेलीविजन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के शीर्ष सलाहकार सरताज अजीज के हवाले से कहा है कि पाकिस्तान इस मुद्दे पर गरिमा व सम्मान के साथ अपने सैद्धांतिक रुख पर अटल है और वह इससे कोई समझौता नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, “शरीफ ने पाकिस्तान के आंतरिक मुद्दों पर भारत के कथित हस्तक्षेप सहित सभी मुद्दों पर चिंता (मोदी के साथ) जताई है, खासकर बलूचिस्तान में हो रहे विद्रोह में उसके लगातार समर्थन को लेकर।”
अजीज ने माना कि रूस में शरीफ तथा मोदी के बीच बातचीत किसी वार्ता प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत नहीं थी, बल्कि इसका उद्देश्य एक बेहतर समझ तक पहुंचना था, जो दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव तथा शत्रुता को कम करेगा।


अजीज ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री की मोदी के साथ मुलाकात संबंधों को बढ़ावा देने में मददगार होगी और दोनों देशों के बीच तनाव घटेगा।”




वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पहले दिल्ली और फिर इस्लामाबाद में मुलाकात करेंगे।
अजीज ने कहा कि शरीफ ने समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले की सुनवाई में प्रगति पर जानकारी मांगी है, जबकि 26/11 के मुंबई हमले की सुनवाई को लेकर प्रधानमंत्री ने मोदी को इस बात से अवगत करा दिया है कि सुनवाई में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त सबूतों तथा जानकारियों की जरूरत है।