
Subhash Shekhar
Ranchi : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास इस साल के दिवाली तक राज्य के हर घर में बिजली पहुंचाना चाहते हैं. वह हर मंच पर राज्य के सवा तीन करोड़ जनता से यह दावा करते हैं और कहते हैं कि हर हाल में हमें झारखंड के हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य हर हाल में पूरा करना है. वह इसके लिए अधिकारियों को युद्ध स्तर पर दो-तीन शिफ्ट में काम करने की सीख देते हैं.
लेकिन झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने जो बिजली का नया टैरिफ जारी किया है, उससे लगता है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास का दिवाली तक हर घर में बिजली पहुंचाने का सपना धरा का धरा रह जायेगा. घरेलू बिजली की दरों में जिस तरह बेतहाशा बढ़ोत्तरी की गई है, ऐसे में जो मौजूदा बिजली उपभोक्ता हैं, कही वह भी अपनी बिजली न कटवा लें. क्योंकि यहां सरकार गरीबों को एक रुपये में अनाज देती है, वहीं के लोग क्या 4.40 रुपये में बिजली खरीदने की हैसियत रखते हैं.


नियामक आयोग के मौजूदा टैरिफ का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला है. ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू उपभोक्ताओं का टैरिफ 1.25 से बढ़ाकर सीधे 4.40 रुपये कर दिया गया है. वहीं खेतीबारी के लिए इस्तेमाल होने वाले बिजली दर को 70 पैसे से बढ़ाकर 5 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है. इसका सीधा असर उन उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, जहां झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास बिजली देने की बात करते हैं.




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झारखंड में 24 लाख घर है, जहां बिजली नहीं पहुंची है
अधिकारी मुख्यमंत्री रघुवर दास को भरोसा दिलाते रहे हैं कि इनमें से 11 लाख घरों तक जून तक बिजली पहुंचा दी जायेगी. बाकी बचे घरों में दिवाली तक बिजली पहुंच जायेगी. गांवों में जहां अब तक 100 यूनिट बिजली के लिए 125 रुपये बिजली बिल देने होते थे, वहीं अब गांव के लोगों को 440 रुपये बिल का पेमेंट करना होगा. हालांकि झारखंड सरकार की ओर से इस बिजली में सब्सिडी देने की बात कही जा रही है. लेकिन यह सब्सिडी कितनी होगी, यह तय नहीं हो सका है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में विद्युतीकरण के तय लक्ष्य को भले ही कागजों में पूरा कर लिया जाय, लेकिन उसका कितना फायदा गांववाले उपभोक्ताओं को मिल जायेगा. यह बड़ा सवाल है.
बढ़ेगी बिजली चोरी की प्रवृति
गांव के लोग धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं और वह बिजली का वैध कनेक्शन लेकर इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन बिजली की टैरिफ बढ़ने से अब उनमें बिजली चोरी की प्रवृति बढ़ सकती है. गांव के लोग फिर से हुकिंग कर बिजली इस्तेमाल पर ज्यादा जोर दे सकते हैं. इससे यहां के बिजली कंपनी का घाटा और बढ़ेगा.
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