मुंबई : आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मयंक गांधी ने यहां शनिवार को कहा कि मुंह बंद रखने के आदेश को चुनौती देने और आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की कार्यवाही के सार संक्षेप को लेकर 5 मार्च को दिए गए उनके बयान को लेकर पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
गांधी ने दावा किया कि उनपर ‘पार्टी विरोधी और एके (दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल)-विरोधी’ का लेबल चस्पां करने के लिए सोशल मीडिया में ‘सोचा समझा प्रहार’ किया जा रहा है। अपने बयान को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
एक ब्लाग में गांधी ने कहा, “दिल्ली में फैसला लेने वाला पार्टी का छोटा सा समूह मुझे अनौपचारिक बीबीएम समूह से हटा चुका है। मेरे खिलाफ हमले आप नेता आशीष खेतान एवं अन्य की ओर से शुरू हुआ है। महाराष्ट्र से कुछ असंतुष्ट नेताओं ने मेरे खिलाफ साक्षात्कार देना शुरू किया है। कुछ पुराने मामले खेले गए हैं।”
उन्होंने कहा कि आप संभवत: बीएमसी (मुंबई) चुनाव में नहीं उतरने का फैसला ले सकती है या उसके लिए फैसले में देरी कर सकती है। महाराष्ट्र के नेतृत्व को चुनौती मिल सकती है और कुछ व्यक्तियों द्वारा अपयश दिया जा सकता है और सूचना मीडिया में लीक हो सकती है।
भविष्य के लिए अपनी शंकाओं को व्यक्त करते हुए गांधी ने कहा, “और भी बातें सामने आएंगी और अंतत: मैं अत्यधिक अपमानित किया जाउंगा जिससे कि त्यागपत्र दे दूं। योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के लिए योजना बनाई गई थी, लेकिन पार्टी में बने रहकर उन्होंने योजना ही पलट दी।”
अपने पूर्व के ब्लाग का उल्लेख करते हुए गांधी ने जोर दिया कि उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की कार्यवाही पर मुंह बंद रखने की हिदायत को ‘व्यक्तिगत चुनौती’ दी थी और यह पार्टी नेतृत्व के खिलाफ किसी भी रूप में अवज्ञा नहीं थी।
आम तौर पर मैं विवादी व्यक्ति नहीं हूं..लेकिन अब एक रुख अपनाने का सही समय है। यह न तो पार्टी को और न ही नेतृत्व को कमजोर करेगा, बल्कि आप और उसके सिद्धांतों को जिसे हमने अपनाया है उसे मजबूत करेगा।