रांची: राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि समाज के आखिरी पंक्ति तक के व्यक्तियों तक विकास की रौशनी पहुंचने से ही सबका सर्वांगीण विकास संभव है। इसके लिए शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी विषयों पर गंभीरता से जोर देने की आवश्यकता है क्योंकि यही समाज को आगे ले जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘अगर समाज का आखिरी आदमी के बारे में सोचा जाए, तभी पूरे समाज का विकास होगा’। राज्यपाल महोदया बुधवार को राज भवन में सामाजिक-आर्थिक एवं संसदीय अध्ययन केंद्र, रांची द्वारा प्रकाशित स्मारिका ‘अंतयोदय से सर्वोदय: समाज परिवर्तन की दिशा’ का लोकार्पण कर रही थी।

राज्यपाल ने आशा प्रकट की कि यह स्मारिका समाज व लोकहित में सार्थक साबित होगा। विभिन्न चिन्तकों की अच्छी बातों पर अमल कर समाज व राज्य विकास की तीव्र गति की ओर अग्रसर हो सकता है। साथ ही लोगों की मूलभ्ाूत समस्याओं का निदान हो सकता है।

इस अवसर पर राज्य सभा सदस्य महेश पोद्दार ने कहा कि जिनके पास विभिन्न विधाओं में अनुभव हैं, वे समाज परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण भ्ाूमिका अदा कर सकते हैं। उन्होने कहा कि इस स्मारिका में विभिन्न चिन्तकों की लेखों की रचना संग्रहित है। यह सरकार और नीति-निर्माताओं के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।
सामाजिक-आर्थिक एवं संसदीय अध्ययन केंद्र, रांची के सचिव अयोध्यानाथ मिश्रा ने समग्र विकस की परिकल्पना कर इस दिशा में काम करने की आवश्यकता बतार्इ। ^Piecemeal development concept’ में समाज का विकास संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि समाज में बेहतर संवाद स्थापित करना बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर मिश्र ने माननीया राज्यपाल को अवगत कराया कि सामाजिक-आर्थिक एवं संसदीय अध्ययन केंद्र, रांची, जो राज्य के बुद्धिजीवियों का सम्मिलित मंच है, ने इससे पूर्व बजट तैयारी के दौरान अपना सुझाव माननीय मुख्य मंत्री श्री रघ्ाुवर दास को दिया था। उन्होंने कई सुझाव को राज्य के बजट में समावेश किया। संस्था ने रेल मंत्री सुरेश प्रभ्ाु और केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली को भी महत्वपूर्ण सुझाव देने का कार्य किया है।
‘अंतयोदय से सर्वोदय’ स्मारिका में कर्इ विद्वानों एवं चिन्तकों के लेख समाहित हैं यथा संविधान विशेषज्ञ श्री सुभाष कश्यप, राज्य सभा सदस्य श्री महेश पोद्दार, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव आर.एस. शर्मा, डा0 बी.बी. कुमार, Xlri जमशेदपुर के प्रोफेसर भारत नीति प्रतिस्थान, नई दिल्ली के मानद निदेशक राकेश सिन्हा, साहित्यकार प्रोफेसर ॠता शुक्ल, बिहार बिधान परिषद के पूर्व सदस्य हरेन्द्र प्रताप, पत्रकार उर्मिलेश और सुरेन्द्र किशोर, झारखंड महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हेमलता एस मोहन आदि।
स्मारिका के विमोचन के अवसर पर विधायक अनंत ओझा एवं बिरंचि नारायण, झारखंड खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।