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SHAH PORIR DWIP, 3September: पश्चिम म्यामां में हिंसा के चलते पिछले 24 घंटे में हजारों लोग नौका या पैदल बांग्लादेश पहुंचे हैं. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त ने आज यह जानकारी दी.
पैदल चलकर बांग्लादेश पहुंच रहे हैं लोग


म्यांमा के सुरक्षा अधिकारी और अल्पसंख्यक रोहिंग्या के उग्रवादी एक दूसरे पर राखाइन प्रांत में गांवों को जला देने और अत्याचार करने का आरोप लगा रहे हैं. सेना ने कहा है कि करीब 400 लोग संशस्त्र संघर्ष में मारे गए हैं जिनमें ज्यादार उग्रवादी हैं. हिंसा के चलते बड़ी संख्या में लोग सीमा पार कर बांग्लादेश पैदल चलकर पहुंच रहे हैं. उनमें कुछ नौकाओं में भाग रहे हैं.


अब तक 60000 लोग बांग्लादेश पहुंचे
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की प्रवक्ता विवियान तान ने कहा, ‘‘25 अगस्त को हिंसा फैलने के बाद से करीब 60000 लोग बांग्लादेश पहुंच चुके हैं. ’’ कल स्थानीय अधिकारियों ने जो आंकड़ा दिया था, उससे यह आंकड़ा करीब 20000 ज्यादा है. बांग्लादेश में कॉक्स बाजार के उपायुक्त अली हुसैन ने इसकी पुष्टि की कि बड़ी संख्या में रोहिंग्या सड़क मार्ग और नौका के जरिए आ रहे हैं. एक शरणार्थी ने कहा, ‘‘अपनी जान बचाने के लिए हम भागकर बांग्लादेश आ गए. सेना और कट्टरपंथी राखाइन हमें जला रहे हैं, हमारे गांव जला रहे हैं.’’
ईद की नमाज अदा करना हमारा कर्तव्य
मिडिया के अनुसार इस बीच, बांग्लादेश में आज बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों ने बकरीद मनाया. उनमें ज्यादातर शरणार्थी म्यांमा में हाल की हिंसा के चलते हाल ही में बांग्लादेश आए हैं. मकबुल हुसैन ने कहा, ‘‘अपने घर में मेरे पास सबकुछ था…. लेकिन अब मैं शरणार्थी बन गया हूं. खुशी मनाने के लिए कुछ खास नहीं बचा है. लेकिन ईद की नमाज अदा करना हमारा कर्तव्य था जो हमने किया.’’ पिछले हफ्ते मकबुल राखाइन से बड़ी मुश्किल से बांग्लादेश के कॉक्स बाजार पहुंचा था.