नई दिल्ली : कांग्रेस ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर एक सर्वेक्षण को जानबूझ कर दबाने का आरोप लगाया, जिसमें कहा गया है कि गुजरात में बच्चों में रोग प्रतिरोधी क्षमता का स्तर राष्ट्रीय औसत की तुलना में नीचे है। इस सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान बाल कुपोषण की दर में गिरावट आई थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “सर्वेक्षण के नतीजे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा यूनिसेफ ने संयुक्त रूप से तैयार किए थे, जिसे जानबूझ कर दबा दिया गया क्योंकि संप्रग सरकार के 10 साल के कार्यकाल में बच्चों में कुपोषण की दर 42.5 फीसदी से गिरकर 30 फीसदी हो गई थी।”
उन्होंने कहा, “बाल प्रतिरक्षण का स्तर गुजरात में बेहद कम है। बच्चों में कुपोषण तथा भूखे बच्चों का औसत राष्ट्रीय औसत से भी खराब है।”
रमेश ने कहा कि सर्वेक्षण 29 राज्यों में कराया गया, जिसमें गुजरात 21वें स्थान पर है।
उन्होंने कहा, “इस वजह से सरकार सर्वेक्षण को छुपा रही है। बिहार में 60 प्रतिशत बच्चों में रोग प्रतिरोधी क्षमता मौजूद है, जो कि गुजरात के मोदी मॉडल से बेहतर है। 14 महीने बीत गए लेकिन सरकार ने बच्चों को लेकर तैयार किए गए यूनिसेफ के सर्वेक्षण को सार्वजनिक नहीं किया।”
रमेश ने यह दावा किया कि भारत में कुपोषण का स्तर काफी ऊंचा है, लेकिन इसमें गिरावट आई है। इसकी वजह सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रम समेकित बाल विकास योजना (आईसीडीएस), मध्याह्न भोजन योजना तथा जननी सुरक्षा योजना का शुरू किया जाना है जो संप्रग सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के 2015-16 के बजट में इन योजनाओं को आवंटित किए जा रहे धन में भारी गिरावट आई है।
रमेश ने कहा, “उदाहरण के लिए आईसीडीसी में आवंटन 18,000 करोड़ रुपये से गिरकर 8,000 करोड़ रुपये तथा मध्याह्न भोजन में 3,000 करोड़ रुपये से गिरकर 1200 करोड़ रुपये हो गया।”
पूर्व मंत्री ने कहा, “सर्वेक्षण को जानबूझ कर दबाया जाना हमारे लोकतंत्र तथा उदारता की दीर्घकालिक परंपरा के विपरीत है।”