
Ranchi: राज्य सरकार जहां एक ओर अपने तीन साल पूरे होने पर उपलब्धियों को जनता के बीच रख रही है, वहीं विपक्ष सरकार के विकास के दावों के अपने तथ्य और तर्कों के आधार पर खारिज कर रही है. झाविमो के केंद्रीय महासचिव प्रदीप यादव ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रघुवर सरकार के तीन साल की नाकामियों को गिनाया. उन्होंने कहा कि तीन साल के कार्यकाल में सरकार ने ऐसा कोई काम नहीं किया है जो बहुसंख्यक जनता के लिए हितकारी है. उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर हितकारी काम हुए हैं तो सरकार साबित करे.
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बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता नहीं दे रही सरकार
प्रदीप यादव ने कहा कि भाजपा सरकार आम जनता की बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता नहीं दे रही हैं. राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली एवं गरीबों के लिए कल्याणकारी योजना में असंवेदनशीलता स्पष्ट दिखती है. सरकार के कमों में कल्याणकारी योजना के प्रति प्राथमिकता नहीं है. निकम्मी और भ्रष्ट रघुवर सरकार स्कूलों में बेंच-डेस्क उपलब्ध कराना अपने कार्यकाल की उपलब्धि में गिनाती है, जबकि राज्य में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बदहाल है. राज्य के 66 प्लस टू विद्यालय के बच्चे परीक्षा में पास नहीं हुए यह सरकार की नाकामी साबित कर रही है. वहीं 1336 अपग्रेडेड हाई स्कूल बिना प्रधानाध्यापक के ही संचालित हो रहे हैं. राज्य के 89 मॉडल विद्यालय में एक भी स्थाई शिक्षक नहीं हैं. राज्य के पांचों विश्वविद्यालय में शिक्षक की घोर कमी है. बिना शिक्षक के ही छात्र परीक्षा में उत्तीर्ण हो रहे हैं.
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राज्य में उच्च और तकनीकी शिक्षा बदहाल
उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए पॉलिटेक्निक कॉलेज बेहतर बनाने का दावा करती है, जबकि सच्चाई कुछ और है. पॉलिटेक्निक कॉलेज में भी एक को छोड़कर किसी भी कॉलेजों में स्थाई प्रचार्य नहीं है. राज्य के 27 आईटीआई कॉलेज की स्थिति भी खस्ताहाल है. आज राज्य में वैसे गरीब छात्र जो छात्रवृत्ति के बदौलत शिक्षा प्राप्त करते थे, उनकी छात्रवृति में भारी कटौती कर सरकार ने छात्र हित की अनदेखी करने का काम किया है, जिसके कारण राज्य के होनहार छात्र शिक्षा से वंचित होते जा रहे हैं.
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स्वास्थ्य के क्षेत्र में फिसड्डी साबित हुई सरकार
प्रदीप यादव ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार फिसड्डी साबित हई है. राज्य के तीनों पुराने मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर एमसीआई का तलवार लटक रही है. वहीं एमसीआई का मापदंड पूरा नहीं करने के कारण राज्य की मेडिकल सीट भी कम होती जा रही है. उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में बिजली की हालत काफी खराब हो गई है. ग्रामीण इलाके में बिजली नहीं मिल पा रहा है. राज्य सरकार ने पीटीपीएस जैसे बिजली संयंत्र, जिससे राज्य को बिजली मिल रही थी उसे बेच डाली.
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नक्सल उन्मूलन के नाम पर कराये गये फर्जी मुठभेड़
उन्होंने कहा कि नक्सल उन्मूलन के नाम पर भाजपा सरकार ने फर्जी मुठभेड़ कराने का काम किया है. जिसके उदाहरण बकोरिया, पीरटांड जैसे मामले हैं. राज्य में विधि व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. राजधानी क्षेत्र में एक साल पहले आरटीसी इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्रा से हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले का पुलिस अबतक पर्दाफाश नहीं कर सकी है. कातिल आज भी पुलिस की पहुंच से दूर हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तीन साल में सिर्फ जनता की खून पसीने की गढ़ी कमाई को लूटा है. भ्रष्ट अधिकारियों एवं कमीशनखोर नेताओं का गिरोह तैयार किया है, जिसके माध्यम से सरकार कमीशनखोरी के काम को बढ़ावा दे रही है. सरकार पूंजीपतियों को फायदा दिलाने के लिए नियमों में राहत देने का काम कर रही है. मोमेंटम झारखंड के नाम पर जनता का धन लुटाया जाता है. सरकार विकास के काम में ध्यान नहीं बल्कि कमीशनखोरी के कामों में ध्यान दे रही है.
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