Ranchi : हमारे जीवन मे माता-पिता का स्थान सबसे अहम है. वे धरती में हमारे लिए ईश्वर के रुप में हैं. कहतें हैं बचपन में दिया गया ज्ञान हमारे साथ जीवन भर रहता है. इसलिए झारखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चे अब साल भर में एक दिन अपने पैरेंट्स की पूजा करेंगे. यह आदेश दिया है शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने. सरकार का इस संदर्भ में कहना है कि इससे बच्चे अपने माता-पिता का सम्मान करना सीखेंगे. जीवन भर इस सीख को अपने साथ वो धरोहर की तरह रखेंगे. सभी स्कूलों में इसका पालन किया जाएगा. इसकी जिम्मेवारी जिला अधिकारियों की होगी.

Ranchi : हमारे जीवन मे माता-पिता का स्थान सबसे अहम है. वे धरती में हमारे लिए ईश्वर के रुप में हैं. कहतें हैं बचपन में दिया गया ज्ञान हमारे साथ जीवन भर रहता है. इसलिए झारखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चे अब साल भर में एक दिन अपने पैरेंट्स की पूजा करेंगे. यह आदेश दिया है शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने. सरकार का इस संदर्भ में कहना है कि इससे बच्चे अपने माता-पिता का सम्मान करना सीखेंगे. जीवन भर इस सीख को अपने साथ वो धरोहर की तरह रखेंगे. सभी स्कूलों में इसका पालन किया जाएगा. इसकी जिम्मेवारी जिला अधिकारियों की होगी.
सिर्फ किताबों से सभी तरह का ज्ञान नहीं दिया जा सकता
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी 40 हजार स्कूलों में मातृ-पितृ पूजन दिवस का आयोजन किया जाएगा. इससे हमारी परंपरा और संस्कृति को बनाए रखने में मदद मिलेगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि ये स्कूलों को ही काम है कि छात्रों को सभी तरह से तैयार किया जाए और समाज में एक बेहतर इंसान के तौर पर प्रस्तुत किया जाए. किताबों के माध्यम से हर तरह का ज्ञान नहीं दिया जा सकता.
कोडरमा के एक स्कूल में हुआ था आयोजन, वहीं से आया आइडिया
इस बारे में मंत्री ने कहा कि कोडरमा के एक स्कूल में ऐसा आयोजन किया गया था. उस कार्यक्रम में देखा गया कि बच्चे अपने माता-पिता को तिलक लगा रहे थे, वो देखना बड़ा ही सुखद था. उस कार्यक्रम में बच्चों के माता पिता भी बेहद खुश नजर आ रहे थे.
सरकारी स्कूलों के बच्चों की ज्यादा है तादाद
झारखंड की आबादी का अधिकांश हिस्सा सरकारी स्कूलों में पढ़ने जाता है. प्राईवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या गांवों में बहुत कम है. सरकारी स्कूलों में ऐसे आयोजनों से झारखंड के गांव के बच्चों में एक अलग तरह का अलख जगाया जा सकेगा.