गिरिडीह : पुनरीक्षित राष्ट्रीय यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला यक्ष्मा केन्द्र व अक्षय परियोजना चाई के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर में यक्ष्मा दिवस का आयोजन किया गया।
इस दौरान यक्ष्मा विभाग के कर्मचारियों व अक्षय परियोजना के कार्यकर्ताओं ने प्रभात फेरी निकाली। प्रभात फेरी को जिला यक्ष्मा पदाधिकारी एके खेतान ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह प्रभात फेरी शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पुनः सदर अस्पताल परिसर पहुंची। जहां यक्ष्मा मुक्त भारत में जन सहयोग विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी में मंच संचालन अक्षय परियोजना के लक्ष्मीधर सिंह ने किया। इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ बिनोद नारायण, जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ कमलेश्वर प्रसाद, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी एके खेतान, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी आरपी दास उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला यक्ष्मा पदाधिकारी एके खेतान ने कहा कि जिस व्यक्ति को दो माह से अधिक खांसी हो गई हो। उन्हें अविलम्ब अपने बलगम की जांच करवानी चाहिए। कहा कि जांच में टीबी पाए जाने पर इसका इलाज भी करवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि टीबी की दवाई के कोर्स को पूरा नहीं करने और कोई अन्य बीमारी हो जाने की स्थिति में यह जानलेवा भी हो सकता है। अतः सभी मरीजों को टीबी की दवाई का पूरा कोर्स लेना अति आवश्यक है।
संगोष्ठी में डॉ एके खेतान ने आरएनटीसीपी की संरचना, आरएनटीसीपी की उपलब्धि व इसकी आवश्कता की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट करवाया। वहीं मंच संचालन करते हुए अक्षय परियोजना के लक्ष्मीधर सिंह ने परियोजना के कार्यों पर विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान डाट्स की पूरी खुराक खिलाकर टीबी मरीजों को ठीक करने के लिए 20 सहिया को प्रोत्साहन राशि भी दी गई। इस दौरान डॉ किशोर कुमार, डॉ राजेश कुमार, रचना शर्मा सहित कई लोग उपस्थित थे।
(कमल नयन)