
Ranchi: झारखंड का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल रिम्स इन दिनों रणक्षेत्र बना हुआ है. कभी डॉक्टरों की मारपीट, तो कभी मरीजों के साथ अमानवीय बर्ताव का मामला यहां आमतौर पर देखने को मिल ही जाता है. शुक्रवार को दो सीनियर डॉक्टरों ने रिम्स के अंदर मारपीट कर रिम्स को शर्मसार कर दिया था, वहीं शनिवार को रिम्स परिसर में एक बार फिर उस वक्त हड़कंप मच गया जब एंबुलेंस के चालकों ने आपस में जमकर मारपीट की. मौके पर मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया.
पैसेंजर और कमीशन के चक्कर में उलझते हैं एम्बुलेंस चालक
रिम्स परिसर में दर्जनों की संख्या में एंबुलेंस खड़ी रहती है. एंबुलेंस के चालक अक्सर पैसेंजर और कमीशन के चक्कर में अपने ही साथियों से उलझ पड़ते हैं. शनिवार को भी एंबुलेंस चालकों के बीच पैसेंजर को लेकर कहासुनी हो गयी, जिसके बाद यह मामला मारपीट में तब्दील हो गया. मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने झगड़ा कर रहे चालकों को शांत करवाया और झगड़े की सूचना बरियातू थाने को दी. थाने से पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर एंबुलेंस चालकों से पूरे मामले की जानकारी ली और वहां मौजूद चालकों को समझा-बुझाकर काम करने का सलाह दिया.
प्रति किलोमीटर की दर से चलता है एम्बुलेंस
रिम्स परिसर में खड़े एंबुलेंस प्रति किलोमीटर की दर से चलाई जाती है. जिसमें ओमनी, बोलेरो, टवेरा जैसी एम्बुलेंस शामिल हैं. 6 रुपया प्रति किलोमीटर से लेकर 12 रुपया प्रति किलोमीटर की दर पर यहां एम्बुलेंस उपलब्ध रहता है. ज्यादा कमाई के चक्कर और पैसेंजर को अपनी गाड़ी में बैठाने की आपाधापी के कारण एंबुलेंस चालक एक दूसरे से उलझ पड़ते हैं.
झगड़े की जानकारी नहीं: प्रभारी निदेशक
एंबुलेंस चालकों के बीच हुए मारपीट के सवाल पर रिम्स के प्रभारी निदेशक डॉ. आरके श्रीवास्तव ने कहा कि आज हुए झगड़े की जानकारी नहीं है, हालांकी उन्होंने यह जरूर कहा कि पता नहीं रिम्स में आखिर क्या हो रहा है कि लोग आपा खो बैठ रहे हैं और मारपीट हो रही है.
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