नई दिल्ली : कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस द्वारा पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में की गई पूछताछ को ‘अनावश्यक और अजीब’ करार देते हुए इसकी निंदा की और इसे ‘राजनीतिक जासूसी’ करार दिया। वहीं, दिल्ली पुलिस प्रमुख ने ऐसी किसी भी जासूसी से इंकार करते हुए इसे नियमित जांच बताया। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “जिस प्रकार की राजनीतिक जासूसी, पीछा, निगरानी और घुसपैठ राजनीतिक विरोधियों की जिंदगी की हो रही है, वह गुजरात मॉडल हो सकता है, न कि भारतीय मॉडल।”
रिपोर्टो के अनुसार, पुलिस पिछले सप्ताह कांग्रेस कार्यालय पहुंची थी और पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की शारीरिक बनावट- उनकी कद-काठी, आंखों और बालों के रंग के बारे में पूछा था।
इधर, प्रेस सम्मेलन के दौरान दिल्ली पुलिस आयुक्त बी.एस.बस्सी ने पुलिस की पूछताछ का बचाव किया और कहा कि यह सामान्य प्रक्रिया है और इसमें कोई दुर्भावपूर्ण मकसद नहीं छिपा हुआ है।
बस्सी ने कहा, “अपराध को रोकना व इससे बचाना, कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखना तथा जिन लोगों को खतरा है, उनकी सुरक्षा करना हमारा कत्र्तव्य है।”
उन्होंने कहा कि अन्य सांसदों और वीआईपी लोगों की भी पूछताछ की गई है। इससे पहले पुलिस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के आवास का भी दौरा किया है।
इससे पहले कांग्रेस ने संवाददाता सम्मेलन कर गृह मंत्रालय या प्रधानमंत्री की तरफ से इस मुद्दे पर जवाब दिए जाने की मांग की।
सिंघवी ने कहा, “हम प्रधानमंत्री या गृह मंत्री से नीचे किसी का जवाब नहीं चाहते हैं, यह कांग्रेस केंद्रित मुद्दा नहीं है, यह सभी राजनीतिक पार्टियों को प्रभावित करता है।”
उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक सहायक पुलिस निरीक्षक (एएसआई) को राहुल गांधी के आवास पर जासूसी करते, अजीब और अनावश्यक बातें करते पाया गया। जब स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) ने पूछताछ की तो पाया गया कि वह राहुल की कद-काठी, आखों और बालों के रंग जैसे अजीब सवालों वाला फार्म फर रहे थे।”
सिंघवी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “भारत गौरवशाली लोकतंत्र है, न कि पुलिस राष्ट्र। इस तरह की राजनीतिक जासूसी निंदनीय है। हम यह मुद्दा संसद में उठाएंगे।”
इधर, बस्सी ने इस बात से इंकार किया कि पुलिस ने केंद्र सरकार के निर्देश पर किसी भी तरह की जासूसी की है।
उन्होंने कहा कि समय समय पर उन व्यक्तियों के संबंध में सर्वेक्षण किए जाते हैं, जिन्हें सुरक्षा प्रदान की गई है और निजी सवाल नहीं गए हैं।
पुलिस प्रमुख ने कहा, “..पुलिस अधिकारी का उद्देश्य जासूसी करना नहीं था। केंद्र सरकार की तरफ से कोई निर्देश नहीं दिया गया, दिल्ली पुलिस पर कभी केंद्र सरकार का राजनीतिक दबाव नहीं रहा है।”
उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि हम संवेदनशील व्यक्तियों की अद्यतन जानकारी से खुद को अवगत रखें। हम अमित शाह, प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी के बारे में भी जानकारी रखते हैं।”
भाजपा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस सुरक्षा जांच का राजनीतिकरण कर रही है।