रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सूचना एवं तकनीक विभाग को राज्य में 15 नवम्बर से पहले जमीन से संबंधित सभी मामलों को ऑनलाईन करने का निर्देश दिया है। श्री दास चाहते हैं कि राज्य की जनता 15 नवम्बर (स्थापना दिवस) से ऑनलाईन म्यूटेशन करा सकें और जमीन दलालों और बिचैलियों की भूमिका इस क्षेत्र से खत्म की जा सके। मुख्यमंत्री मंगलवार को सूचना भवन में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के सभागार में सूचना एवं तकनीक विभाग के ई-डिस्ट्रिक्ट तथा जिला स्तरीय जनसुविधा केन्द्रों का पूरे राज्य में वेबकॉस्ट के माध्यम से लोकार्पण करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने विभाग को यह भी निर्देश दिया कि तीन महीने के अंदर बाकी सेवाओं को भी ऑनलाईन जोड़ा जाये ताकि जिला और प्रखण्ड स्तर के कार्यों के लिये बिचैलियों की मदद नहीं लेनी पड़े। श्री दास ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि ई-डिस्ट्रिक्ट से जुड़ी सभी सेवाओं को ऑनलाईन निष्पादित किया जाये। इन कार्यों के लिये कागजी प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं कर लोगों को ऑनलाईन सुविधा सुलभ करायें। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों के जनसुविधा केन्द्र से आम लोगों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधा अब उपलब्ध हो सकेगी। यह केन्द्र सिंगल विंडो सिस्टम की तरह कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में सूचना तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी प्रशासन जनता को सुलभ कराना सरकार की प्राथमिकता है, तथा यह आई.टी. विभाग की सक्रियता एवं प्रभावी कार्य से संभव होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को अन्य क्षेत्रों में भी सुविधा सुलभ हो यह प्रयास होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आई.टी. एवं एन.आई.सी के माध्यम से ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना में पांच सेवाओं का शुभारंभ पूरे राज्य में किया जा रहा है जिसमें जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र ऑनलाईन माध्यम से सभी प्रज्ञा केन्द्रों, जन-सुविधा केंद्रों में आसानी से उपलब्ध करायी जा सकेगी। श्री दास ने कहा कि सेवा के अधिकार अधिनियम के तहत तय समय सीमा के अंदर लोगों को निर्धारित सेवाओं को पहुंचाया जायेगा।
इस अवसर पर विकास आयुक्त आर.एस.पोद्दार ने कहा कि इस योजना से राज्य के 24 जिलों तथा तीन हजार पंचायातों को जोड़ा गया है। इससे लोगों को लाभ मिलेगा और लोगों को कार्यालयों का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।
प्रज्ञा केंद्र की तरह है जन सुविधा केंद्र, केवल 30 रुपया शुल्क नहीं लगेगा
आईटी विभाग के सचिव सुनील वर्णवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री का प्रयास है कि राजधानी के लोगों के अलावा गांवों के पंचायत तक इस तरह की सुविधा पहुंचें। उन्होंने कहा कि प्रज्ञा केंद्रों में जो सुविधाएं दी जाती हैं वो पूर्व की तरह उपलब्ध रहेगी। परन्तु अब आम नागरिक जिनको लगता है कि प्रज्ञा केंद्र की सुविधा शुल्क 30 रुपया नहीं दे सकते हैं तो वैसे लोग जिला स्तरीय जन-सुविधा केंद्र के माध्यम से इन पांचों सेवाओं का लाभ निःशुल्क उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि सेवा का अधिकार अधिनियम 2011 के तहत निश्चित समय सीमा के अंदर लोगों को सारी सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। अगर उन्हें 21 दिनों के अंदर सुविधा नहीं दी जाती है तो आवेदक अपनी शिकायत ऑनलाईन दर्ज करा सकते हैं।
कार्यक्रम के समापन से पहले एन.आई.सी. के उप महानिदेशक दीपक चन्द्र मिश्रा ने परियोजना की विस्तृत जानकारी पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मुख्यमंत्री के साथ-साथ उपस्थित अधिकारियों को दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नई योजनाओं को शुरू करने पर एस.एम.एस. के माध्यम से सभी को जानकारी मिल सकेगी।