रांची : बिरसा मुंडा कारागार में आयोजित विशेष जेल अदालत में 10 बंदियों के 10 वादों को उपस्थित किया गया. जिसमें सभी 10 वादों का निष्पादन किया गया. 10 बंदियों में से 8 बंदियों को जेल से मुक्त कर दिया गया. जबकि शेष दो बंदी अन्य वाद लंबित रहने के कारण जेल से मुक्त नहीं हो सके. रेलवे वाद के बंदी बिना टिकट यात्रा एवं अन्य बंदी चोरी आदि वाद से संबंधित थे. ज्ञात हो कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची की ओर से जेल अदालत एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया था. इस दौरान जेल अदालत में सुनवाई के लिए तीन बेंचो का गठन किया गया था. बेंच संख्या एक से दो बन्दी शिव और प्रमोद को रिहा किया गया. वहीं, बेंच संख्या दो में अवनिका गौतम न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत से पांच कैदी रोहित, तनवीर, टीपू और शनि को मुक्त कर दिया गया. बेंच संख्या तीन में राजीव त्रिपाठी न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत से तीन कैदी दशरथ, दिलीप और आरिफ को रिहाई मिली.
मौके पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी स्वंयम्भू, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची राजेश कुमार सिंह, रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी एसबी शर्मा, न्यायिक दंडाधिकारी परमानंद उपाध्याय, न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह, न्यायिक दंडाधिकारी धर्मेंद्र कुमार, न्यायिक दंडाधिकारी अनिल कुमार एवं राजू त्रिपाठी उपस्थित थे. बिरसा मुंडा कारागार के अधीक्षक कर्मचारी एवं न्यायालय के कर्मचारी भी उपस्थित थे. वहीं पैनल अधिवक्ताओं में नित्यानंद सिंह, आदित्य कुमार तिवारी, तनुश्री सरकार और मां मानदेय भगत उपस्थित थे.