
Ranchi: बच्चे हर देश का भविष्य और उसकी तस्वीर होते हैं. बच्चे ही किसी देश के आने वाले भविष्य को तैयार करते हैं. लेकिन देश के ऐसे कई रेलवे स्टेशन है जहां बच्चे पल तो रहे हैं लेकिन इन्हें यहां सुरक्षित वातावरण नसीब नहीं हो पा रहा है. रांची रेलवे स्टेशन की स्थिति भी कुछ इसी तरह की है. हालांकि, रेलवे स्टेशन परिसर में चाइल्ड हेल्पलाइन सेवा पहले से बच्चों के लिए कार्य कर रही है, लेकिन फिर भी इन बच्चों को सुरक्षित वातावरण दिलाने के लिए रेलवे बोर्ड अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने महाप्रबंधकों व उपमंडलीय रेल प्रबंधकों को जो लिखा है वह एक बेहतरीन प्रयास है.
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चलाया जाएगा जागरुकता अभियान


मालूम हो कि बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने अपने पत्र में परिवार से जुदा हुए और तस्करी करके लाए जाने वाले बच्चे, जो स्टेशन में पल रहे हैं, उन्हें बचाने के लिए जागरुकता अभियान चलाने का आह्वान किया है. लोहानी के मुताबिक ऐसे बच्चों के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा विशेष प्रयास करने की आश्वयकता है.


मुलभूत सुविधाओं से वचिंत हैं ऐसे बच्चे
लोहानी द्वारा लिखे पत्र के बाद जब न्यूज विंग रिपोर्टर ने रांची रेलवे स्टेशन में रहने वाले बच्चों की स्थिति की पड़ताल की तो मालूम चला कि आज भी यहां पल रहे बच्चे काफी मुश्किल दौरे से गुजर रहे हैं. आवास, शिक्षा सहित कई मूलभूत सुविधाओं से ये पूरी तरह वंचित हैं. बच्चों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. बारिश के दिनों में इन मासूमों को स्टेशन परिसर में बने फ्लाईओवर के नीचे शरण लेनी पड़ती है.
चाइल्ड हेल्पलाइन सेवा कर रहा है कार्य
बच्चों की स्थिति पर जब स्टेशन प्रबंधक धुव्र कुमार से न्यूज विंग संवाददाता ने बातचीत की तो उनका कहना था कि इन बच्चों के लिए रांची रेलवे स्टेशन में चाइल्ड हेल्पलाइन सेवा पहले से ही कार्यरत है. वर्तमान में इसी के द्वारा स्टेशन परिसर में रहरहे बच्चों के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है. कार्यक्रम की जानकारी जब चाइल्ड हेल्पलाइन सेवा के कॉर्डिनेटर राजीव रंजन से ली गयी तो उनका कहना था कि स्टेशन परिसर में जो बच्चे भीख मांग कर पल रहे है, उनके लिए बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) रेस्कूय अभियान चलाती है. साथ ही सीडब्ल्यूसी द्वारा इन बच्चों के अभिवाभकों से बात कर शिक्षा की भी व्यवस्था की जाती रही है.
कुल 262 स्टेशनों पर चलाया जाएगा अभियान
मालूम हो कि रेलवे बोर्ड द्वारा वर्तमान में फिलहाल देश के 88 रेलवे स्टेशनों पर पल रहे बच्चों के सुरक्षित भविष्य व संरक्षण के लिए इंतजाम किये जा रहे है. वर्तमान में रांची रेलवे स्टेशन परिसर में इस तरह की कोई विशेष व्यवस्था नहीं की जा रही है. बोर्ड का लक्ष्य 174 और स्टेशनों पर ऐसे बच्चों के संरक्षण के लिए इंतजाम करना हैं. इसतरह साल के अंत तक रांची सहित ऐसे स्टेशनों की कुल संख्या 262 हो जाएगी.
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