|| जयदीप सरीन ||
गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को विश्वभर के शीर्ष उद्योगपतियों के समक्ष ‘वाइब्रेंट गुजरात’ की अवधारणा को विस्तार देते हुए इसे ‘वाइब्रेंट इंडिया’ के रूप में पेश किया।
ये उद्योगपति विश्वभर के कई ट्रिलियन डॉलर पर नियंत्रण करते हैं और देश की अर्थव्यवस्था को दिशा देते हैं।
उन्होंने विभिन्न देशों और उद्योगपतियों से भारत के विकास में निवेश करने की अपील की और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को विश्व के व्यवसायियों की बिरादरी के सामने पेश किया।
गांधी नगर के महात्मा मंदिर परिसर में शुरू हुए वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में मोदी के साथ संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून, विदेश मंत्री जॉन केरी, विश्व बैंक प्रमुख जिम योंग किम, भूटान और मेसेडोनिया के प्रधानमंत्र, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड्स, जापान, कनाडा, सिंगापुर और अन्य देशों के मंत्रियों, व्यवसायी और शीर्ष कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने शिरकत की।
मोदी ने कहा, “यह धरती का सबसे बड़ा जमघट है, जहां उद्यमियों को विश्व बैंक के अध्यक्ष को देखने का अवसर मिला है। जहां एक युवा किसान जो खाद्य प्रसंस्करण इकाई शुरू करने का सपना देख रहा है, वह संयुक्त राष्ट्र महासचिव के खाद्य सुरक्षा से संबंधित राय को सुन सकता है।”
सम्मेलन से पूर्व अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर काफी गहमागहमी रही जहां कई शीर्ष उद्योगपतियों, वैश्विक सीईओ, नेताओं और राजनयिकों को लेकर कई निजी विमान उतरे। हवाई अड्डे से आयोजन स्थल के बीच वीआईपी वाहनों के बीच पुलिस का काफिला भी मौजूद था।
इस साल अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, कनाडा, हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और दक्षिण अफ्रीका साझीदार देश के रूप में शामिल हुए हैं। युनाइटेड स्टेट इंडिया बिजनस काउंसिल (यूएसआईबीसी) ने अपने 130 व्यवसायियों के प्रतिनिधिमंडल को भेजा है।
प्रधानमंत्री ने इस सम्मेलन के आयोजन के साथ-साथ इसका उद्घाटन भी किया है।
शीर्ष भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी, कुमारमंगलम बिड़ला, अनिल अंबानी, गौतम अडानी और आईसीआईसीआई बैंक की चंदा कोचर मास्टर कार्ड के अजय बंगा सहित वैश्विक सीईओ से बातचीत करते नजर आए।
बंगा ने कहा, “हम भारत में अपना दांव लगा रहे हैं।”
बंगा भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद के छात्र रह चुके हैं।
विश्व बैंक प्रमुख जिम योंग किम ने कहा, “अगले एक दशक में भारत गरीबी की अंत का नेतृत्व कर सकता है। गरीबी मिटाने में भारत की भागीदारी के बिना विश्व बैंक सफल नहीं हो सकता।”
अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि वह मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, “हम सभी को इसे अपनाना चाहिए।”
मोदी ने मुख्यमंत्री होने के नाते 2013 में इसकी मेजबानी की थी।
2003 से इसकी शुरूआत के बाद 2013 में 17,719 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो चुका है, जिस दौरान मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। इस बार यह आंकड़ा 21,000 को पार करने के आसार है।
गुजरात के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “निवेश संबंधी समझौता इस बार 15 लाख करोड़ से अधिक होने के आसार हैं।”
मोदी ने इस दौरान 50 सीईओ से मुलाकात की। इस बार उनका एजेंडा न सिर्फ गुजरात में निवेश बल्कि भारत में निवेश है।