नागपुर : बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने बुधवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 लागू न करने के मामले में महाराष्ट्र सरकार को एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। न्यायालय ने यह आदेश प्रदेश के गोंदिया जिले के तिरोदा में भूख से हुई मौत को लेकर उठाया है। न्यायाधीश भूषण गवई तथा न्यायाधीश इंदु जैन ने राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रधान सचिव से दो सप्ताह के भीतर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा।
न्यायालय का यह आदेश विदर्भ जन आंदोलन समिति के अध्यक्ष किशोर तिवारी द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करने में विफल रही है, जिसके कारण प्रदेश के पिछड़े गोंदिया जिले में भूख से मौत हुई है।
पीड़ित ललिता एस.रंगारी (36) विधवा दलित महिला थी और दो बच्चों की मां थी, जिनमें से एक कथित तौर पर भूख की वजह से दृष्टिबाधित हो गया है।
तिवारी ने कहा, “महाराष्ट्र की आबादी के 76.32 फीसदी ग्रामीण तथा 45.34 फीसदी शहरी इलाके को लक्षित जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत कवर करने की जरूरत है।”
याचिका में उन्होंने अधिनियम को प्रदेश में सही तरीके से लागू करने और भूख से हुई मौतों की जांच व मृतक महिला के परिवार को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की है।
याचिकाकर्ता के वकील विनोद तिवारी ने कहा कि याचिका पर अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।