
New Delhi : बीजद के भतृहरि महताब ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच महानदी जल विवाद से जुड़े मुद्दे के निपटारा के लिये पंचाट के गठन की मांग को लोकसभा में आज गुरुवार को एक बार फिर उठाया और इस संबंध में निर्णय की मांग की. शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए बीजद के अन्य सदस्य भी अपनी अपनी सीटों से आगे आकर खड़े थे. कल बुधवार को भी महताब ने इस मुद्दे को उठाया था और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा था कि मैं जितना जल्द हो सकेगा, इस पर विचार करूंगी.
एक दिन में निर्णय कैसे दूं : स्पीकर
आज गुरुवार को जब महताब ने इसी विषय को फिर से रखा तो स्पीकर ने कहा कि एक दिन में निर्णय कैसे दूं. बीजद सदस्य ने कहा कि हम आपसे अनुरोध करते हैं कि यथासंभव जल्दी इस पर निर्णय लिया जाए. लोकसभा में बीजद के भतृहरि महताब ने कल इस मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगाया था कि इस मुद्दे पर आश्वासन देने के बावजूद केंद्र सरकार का रूख ‘‘तटस्थ’’ नहीं है. उन्होंने इस मुद्दे पर सदन में कामकाज स्थगित करके चर्चा कराने और सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी.
सवालों के घेरे में केंद्र सरकार की तटस्थता
महताब ने कहा था कि यह विषय ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच है. सरकार ने इस विषय पर हमें आश्वासन दिया था. जब दो राज्यों के बीच नदी जल की हिस्सेदारी का विषय होता है तब केंद्र को तटस्थ रहना चाहिए. बीजद सदस्य ने कहा था कि केंद्र सरकार ने सदन में दिये गए आश्वासन से समझौता करने का काम किया है. केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अलग रूख व्यक्त किया है. केंद्र सरकार की तटस्थता सवालों के घेरे में है.
विधेयक लंबित होने के कारण नहीं बनाये जा रहे पंचाट
महताब ने कहा था कि इस विषय पर केंद्र के मंत्री कह चुके थे कि इस मामले में पंचाट के लिये कैबिनेट का मसौदा तैयार हो रहा है. लेकिन अब उच्चतम न्यायालय में कह रहे हैं कि पंचाट नहीं बनाने जा रहे हैं. अब हम सुन रहे हैं कि कोई विधेयक लंबित है, इसलिये पंचाट नहीं बना सकते.
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इस विषय पर 14 दलों ने अपना विरोध व्यक्त किया
उन्होंने कल कहा था कि अगर ऐसे महत्वपूर्ण मामले में कार्यस्थगन प्रस्ताव स्वीकार नहीं होगा तब किस मामले में होगा. इससे ओडिशा भी अपना विचार रख सकेंगे, केंद्र की भी स्थिति स्पष्ट होगी और छत्तीसगढ़ को भी विचार व्यक्त करने का मौका मिलेगा. बीजद सदस्य ने कहा था कि बीजद, कांग्रेस, तृणमूल समेत 14 दल इस विषय पर अपना विरोध व्यक्त कर रहे हैं. इस बात पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है . इस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा था कि मैं जितना जल्द हो सकेगा, इस पर विचार करूंगी.
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