चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने, आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा सात अप्रैल को मारे गए 20 कथित चंदन तस्करों में से एक की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर कोई आदेश पारित करने से इंकार कर दिया। याचिका में शव के फिर से अंत्यपरीक्षण की मांग की गई थी। लेकिन न्यायालय ने छह शवों को संरक्षित रखने के आदेश दे दिए।
लाल चंदन के कथित छह तस्करों के शवों का एक और पोस्टमार्टम करने का आदेश देने के लिए दायर याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय या फिर सर्वोच्च न्यायालय से संपर्क करे।
न्यायालय ने आदेश दिया कि अगले आदेश तक छह शवों को शवगृह में संरक्षित रखा जाए।
आंध्र प्रदेश पुलिस के दस्ते ने सात अप्रैल को चित्तूर जिले के शेषाचलम जंगल में उस समय 20 कथित तस्करों को मार गिराया था, जब वे दुर्लभ लाल चंदन के पेड़ काट रहे थे।
पुलिस की गोलीबारी में मारे गए कथित तस्करों में से एक शशिकुमार की पत्नी मुनियम्मल द्वारा दायर एक याचिका पर उच्च न्यायालय ने कहा कि दोबारा पोस्टमार्टम का आदेश जारी नहीं किया जा सकता, क्योंकि मामला आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में है और एक जनहित याचिका सर्वोच्च न्यायालय में है।
न्यायालय ने 17 अप्रैल तक छह शवों को संरक्षित रखने के आदेश दिए, जब मामले की अगली सुनवाई होगी।
इसके पहले न्यायालय ने नौ अप्रैल को कहा था कि यदि तमिलनाडु सरकार मुनियम्माल के एक प्रतिवेदन के आधार पर एक और पोस्टमार्टम कराती है तो न्यायालय को उसपर कोई आपत्ति नहीं होगी।
तमिलनाडु सरकार के वकील ने कहा कि यदि न्यायालय दोबारा पोस्टमार्टम का आदेश देता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।
मुनियम्माल के अनुसार, उनके पति के शरीर पर चोट के निशान देखे गए हैं।