वैसे इस नए ब्राउजर के डेवलपरो का तो यही मानना है. उनके अनुसार उनका नया सर्च इंजिन केवल वही नतीजे दिखाता है जो एकदम सटीक हो और उन साइटो को हटा देता है जो मात्र कीवर्डो के आधार पर रैन्किन्ग मे ऊपर आ जाती है, परन्तु उनसे प्रयोक्ताओ को कोई लाभ नहीं होता.
Blekko नामक यह सर्च इंजिन प्रयोक्ताओ के सलाह के आधार पर काम करता है. और यही इस सर्च इंजिन की विशेषता है. चुँकि प्रयोक्ता अपने अनुभव के आधार पर सलाह देते है इसलिए जब हम किसी विषय पर खोज करते है तो हमे एकदम सही नतीजे प्राप्त होते हैं.



इस सर्च इंजिन से जुडे डेवलपरो के अनुसार आज इन्टरनेट पर इस तरह की वेबसाइटों की भीड जमा हो गई है जिनसे प्रयोक्ताओं को कोई लाभ नहीं मिल सकता है. अधिकतर वेबसाइटें या तो स्पामिंग करती हैं अथवा मात्र कडियां रखती है ताकि गूगल जैसे सर्च इन्जिनों के सर्च रोबोट उनके आधार पर इन्डेक्सिन्ग कर उन्हें ऊंची रैकिंग दे दे.


ब्लेको के संस्थापक रिच स्क्रेन्टा के अनुसार कम्पनी का मुख्य लक्ष्य था स्पामिंग का खात्मा करना और वेब को साफ़ सुथरा बनाना.
कैसे काम करता है यह सर्च इंजिन?
यदि आप ब्लैको पर सामान्य कीवर्ड डालकर खोज करते हैं तो यह आपको सामान्य नतीजे ही दिखाता है. उदाहरण के लिए यदि आप Global warming सर्च करेंगे तो इन दोनो कीवर्डो के आधार पर खोज नतीजे प्रस्तुत होंगे. परन्तु फ़र्क तब आता है जब आप इन दोनो कीवर्डो के बाद हैशटेग लगाकर एक और कीवर्ड जोड दें. उदाहरण के लिए आप Global warming/green कीवर्ड पर खोज करें. अब आप पाएन्गे कि ब्लेको मात्र उन्ही साइटो की सूचि तैयार करता है जो पर्यावरण से संबंधित है.
उसी तरह से यदि आप Pamela Anderson/noporn खोज करेंगे तो आपको पामेला एन्डरसन से संबंधित वेबसाइटों की सूचि दिखेगी परंतु एक भी पोर्न साइट की कडी इसमे शामिल नही होगी.
वैसे गूगल भी अपने खोज नतीजों को फ़िल्टर करने की सुविधा देता है परन्तु ब्लेको इसे प्रमुखता देता है. ब्लेको द्वारा प्रदर्शित हर खोज नतीजे के आगे "spam" बटन होता है ताकी आप अवांछित साइट को बतौर स्पाम घोषित कर सकें.
ब्लेको गूगल का कातिल बनेगा या नहीं यह तो समय बताएगा, परंतु इस साइट को आप नजरअंदाज नहीं कर पाएंगे.