
– सवालों के बीच में ही रोका राष्ट्रीय प्रवक्ता ने
– कहा पार्टी में कोई नाराजगी नहीं सभी पार्टी के कार्यकर्ता
Akshay/Shishir
Ranchi: बीजेपी की केंद्रीय नेतृत्व ने राष्ट्रव्यापी एक सर्वे कराया है. सर्वे कराने का मकसद आने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी की पकड़ का आंकलन करना है. ऐसा बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं का कहना है. लेकिन कोई भी नेता इसपर किसी तरह का कोई बयान देने से बच रहा है. सर्वे के बाद जो बातें निकल कर सामने आयी हैं. वो चौंकाने वाली हैं. ऐसा माना जा रहा है कि सर्वे का रिजल्ट बेहद खराब हैं. सूत्रों की माने तो सर्वे के बाद ये कहा जा रहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी को 2014 से करीब 90 सीट कम आ सकती है. इस सर्वे के बाद पार्टी शीर्ष नेताओं के पेशानी पर बल साफ तौर से देखा जा सकता है. लेकिन पार्टी के प्रवक्ता शहनवाज हुसैन इन सारी बातों से इनकार कर रहे हैं. यहां तक कि इस बाबत सवाल पूछने से भी मना कर रहे हैं. मामले पर न्यूज विंग ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन से बात की. पेश है मुख्य अंश.


सवालः लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी में कोई इंटरनल सर्वे हुआ है
जवाबः (सवाल सुनते ही) कोई ऐसा इंटरनल सर्वे नहीं हुआ है. बिलकुल गलत जानकारी है.


सवालः पार्टी के कुछ सीनियर लीडर जो फॉर्वर्ड कास्ट से हैं, वो आपलोगों को कॉपरेट नहीं कर रहे हैं.
जवाबः ये बिलकुल गलत और निराधार बात है. इन सब बातों का जवाब दिया ही नहीं जा सकता है. पार्टी में मैं प्रवक्ता हूं, मुझे ऐसी किसी बात की जानकारी नहीं है. पता नहीं मीडिया में ये सारी बात कैसे पहुंच जाती है. यहां कोई फॉर्वर्ड और बैकवर्ड लीडर नहीं है. हम लोग सभी पार्टी के वर्कर हैं. कोई फॉर्वर्ड और बैकवर्ड नहीं. मैं मुस्लिम हूं, तो पार्टी का वर्कर हूं कि मुस्लिम हूं. मुस्लिम कास्ट में मैं भी फॉर्वर्ड हूं. तो मैं कहां खफा हूं. सभी लोग दिन-रात मेहनत ही कर रहे हैं. ये सारी बातें बीजेपी के खिलाफ दुष्प्रचार हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए.
इसे भी पढ़ें- आमजन के साथ-साथ बीजेपी सांसद और मंत्री भी बिजली पानी को लेकर सीएम रघुवर दास को दे रहे नसीहत
क्या कहा था हाल ही में यशवंत सिन्हा ने
बीजेपी के पूराने साथी यशवंत सिन्हा ने हाल ही में पार्टी का साथ छोड़ा है. मीडिया में उन्होंने कुछ दिनों पहले कहा कि देश में जहां भी बीजेपी की सरकार है, वहां स्टेट लेवल पर जल्द ही बदलाव होगा. क्योंकि 2014 लोकसभा चुनाव से पहले राजनाथ सिंह पार्टी के अध्यक्ष थे और उन्होंने पार्टी में फॉर्वर्ड नेताओं को संभाल कर रखा था. लेकिन पार्टी सत्ता में आते ही, सीनियर फॉर्वर्ड लीडर्स को साइड करते गयी. जिसका जीता-जागता उदाहरण मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी हैं. इस घटना के बाद पार्टी को अंदर से काफी नुकसान हुआ है. कई फॉर्वर्ड नेता इस हरकत के बाद नाराज हैं. इससे पार्टी को काफी नुकसान होने वाला है.
वहीं रांची पहुंचे केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का कहना है कि हाल में जो देश में उपचुनाव हुए हैं. वो कुछ लोगों के बीच नाराजगी हो सकती है. लेकिन जैसे ही एक बार लोगों के बीच एनडीएम सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचने लगेगा. लोगों की नाराजगी खत्म हो जाएगी और एक बार फिर से देश में एनडीए की सरकार बनेगी.
न्यूज विंग एंड्रॉएड ऐप डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पेज लाइक कर फॉलो भी कर सकते हैं.