
New Delhi : भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने घुसपैठ या सेंध से लोगो की पहचान संबंधी आंकड़ों को बचाने के लिए एक अतिरिक्त सुरक्षा उपाय ‘बायोमेट्रिक लॉक’ होने की जानकारी दी है. प्राधिकरण ने व्यक्तिगत जानकारी वाले इन आंकड़ों की सुरक्षा के लिये हाल ही में ‘‘आभासी पहचान संख्या’’ का एक अतिरिक्त उपाय करने की जानकारी दी है. लेकिन इससे काफी पहले ही उसने बायोमेट्रिक ताला लगाने का सुरक्षा उपाय कर लिया था. लेकिन इसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है. इस सुविधा की जानकारी लोगों को कम ही है. इसके तहत कोई भी आधार कार्ड धारक अपनी बायोमेट्रिक जानकारियों को लॉक या अनलॉक कर सकते हैं.
लॉक कर देने के बाद संभव नहीं हो सकेगा बायोमेट्रिक आंकड़ों का इस्तेमाल
प्राधिकरण ने बताया कि इस सुविधा का इस्तेमाल उसकी वेबसाइट या मोबाइल एप के जरिये कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें आधार संख्या और पंजीकृत मोबाइल नंबर की जरूरत पड़ेगी. एक बार लॉक कर देने के बाद बायोमेट्रिक आंकड़ों का इस्तेमाल संभव नहीं हो सकेगा. उपभोक्ता किसी विशेष उद्देश्य जैसे सत्यापन आदि के लिए इसे अनलॉक कर सकते हैं तथा इसके बाद वह फिर से इसे लॉक कर सकते हैं. प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडेय ने कहा कि यह व्यवस्था बायोमेट्रिक आंकड़े का दुरुपयोग रोकना सुनिश्चित करने के लिए किया गया है.
शुरु किया जायेगा टू-लेयर सेफ्टी सिस्टम
गौरतलब है कि आधार कार्ड डेटा लीक होने की खबरों के आने के बाद यूनिक आइडेंटिफिकेशन अॉथोरिटी अॉफ इंडिया (यूआइडीएआई) ने 10 जनवरी को कहा था कि जल्द ही नया टू-लेयर सेफ्टी सिस्टम शुरु किया जायेगा. इसके तहत आधार कार्डधारी को वर्चुअल आईडी दिया जायेगा और लिमिटेड केवाईसी जारी किया जा रहा है. इस सिस्टम के आने के बाद आधार कार्डधारी की प्राइवेसी पहले से ज्यादा बेहतर हो जायेगी. यह कदम ऐसे वक्त उठाया गया है जब आरबीआई के सहयोग से तैयार किये रिसर्च नोट में आधार को लेकर कुछ गंभीर चिताएं जाहिर की गई थी. वर्चुअल आईडी आने के बाद किसी भी व्यक्ति को अपना आधार कार्ड नंबर नहीं बताना पड़ेगा. पहचान के लिए वर्चुअल आईडी का नंबर ही बताना होगा. इस कारण आधार नंबर बताने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी. वर्चुअल आईडी 16 अंकों वाली संख्या होगी. जिसका इस्तेमाल आधार नंबर के बदले किया जायेगा. आधार कार्ड की मांग करने वाली सभी एजेंसियां एक जून तक इस नए सिस्टम को लागू करेगी. हालांकि यह सिस्टम एक मार्च से चालू हो जायेगा.
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एजेंसियों के लिए है लिमिटेड केवाईसी
लिमिटेड केवाईसी सिस्टम आधार यूजर्स के लिए नहीं बल्कि एजेंसियों के लिए है. एजेंसियां केवाईसी के लिए लोगों का आधार डिटेल लेती हैं और उसे अपने सिस्टम में स्टोर करती है. लिमिटेड केवाईसी सुविधा के बाद अब एजेंसियां लोगों के आधार नंबर को स्टोर नहीं कर सकेंगी. इस सुविधा के तहत एजेंसियों को बिना आपके आधार नंबर पर निर्भर हुए अपना खुद का केवाईसी करने की इजाजत होगी. एजेंसियां टोकनों के जरिए यूजर्स की पहचान करेंगी. केवाईसी के लिए आधार की जरूरत कम होने पर उन एजेंसियों की तादाद भी घट जाएगी. जिनके पास आपके आधार की डिटेल होगी.