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Ranchi, 20 September: रांची के बरियातु थाने के कुछ पुलिसकर्मियों पर 2012 बैच के एक सार्जेंट के लिए जमीन पर कब्जा कर ,उसमे घर बनवाने का आरोप लगा है. पीड़ित ने इस सम्बंध में सीएम जन शिकायत से लेकर रांची के तमाम पुलिस अधिकारियों के पास लिखित शिकायत कर फरियाद लगाई है, लेकिन उसे इंसाफ नहीं मिला. उसे थाने से कई बार भगा दिया गया. पीड़ित का आरोप है कि जमीन के सभी कागजात जिसमे मोटेसन से लेकर जमीन की रसीद तक शामिल है, उसके होने के बावजूद भी बरियातु थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी और वर्तमान में बरियातु थाना में ही पदास्थापित एसआई ने उसकी जमीन पर जबरदस्ती कब्जा करवा दिया ,क्योकि कब्जा करने वाला भी झारखंड पुलिस में ही है.
विवादित जमीन को लेकर वीडियो आया सामने


इसी बीच विवादित जमीन को लेकर एक वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में साफ तौर से ये देखा जा सकता है कि जब पीड़ित जमीन पर गया तब सार्जेंट के द्वारा उसे डैकती कांड में फंसाने की धमकी दी जा रही है. वीडियो इसी महीने की 16 तारीख की है. वीडियो में साफ साफ दिखाई और सुनाई दे रहा है कि किस तरह सार्जेंट और बरियातु पुलिस के अधिकारी पीड़ित को धमका रहे है.




क्या है वीडियो में
वीडियो में काले रंग का टी-शर्ट पहने एक व्यक्ति से बरियातु पुलिस से पुलिसकर्मी कह रहे है कि गृह प्रवेश में आएंगे सर. वही काले रंग का टी-शर्ट पहना हुआ शख्स बार-बार पीड़ित को धमका रहा. वो बोलता है कि अरे ये सब को डैकती केस में अंदर करवा देना है. फिर वह यह भी बोलता है कि रुको अभी हम बरियातु थाना प्रभारी से बात करते है. इतना कह वह मोबाइल से बात करने लगता है. कुछ देर बाद वह फिर आता है और कहता है कि यहाँ सब बड़ा साहब लोग बैठ कर ही सेट किया है. ये सारी बाते सुन पीड़ित डर से वहाँ से चला जाता है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल जमीन को लेकर जिस सार्जेंट की बात हो रही है वह 2012 बैच के सार्जेंट सुबोध कुमार गुप्ता है जो फिलहाल रांची में स्पेशल ब्रांच में तैनात हैं. दरअसल सार्जेंट मोराबादी के सिंदवार टोली में एक जमीन जो सुबोध कुमार गुप्ता पत्नी के नाम से बताया जा रहा है. उसे अपना बता कर उसपर घर बना रहे है. जबकि मोराबादी के ही रहने वाले दीपक यादव के अनुसार उन्होंने 1986 में ही उस जमीन की रजिस्ट्री करवा, उसका दाखिल खारिज और रशीद तक कटवा रखा है. सारे कागजात दिखाने के बाद भी सार्जेंट उसपर जबरदस्ती कब्जा कर घर बनाने का काम कर रहे. जबकि काम रोकवाने के लिए वे थाना का चक्कर लगा चुका है. पर 2016 में बरियातु के तत्कालीन थानेदार से साँठ-गाँठ कर उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया गया.
न सीओ ने जांच की न ही थाना ने
दीपक यादव के अनुसार वह लगातार थाना जा जाकर अपनी जमीन वापस दिलाने की मांग करते रहें. इसके लिए उन्होंने CM के जनता दरबार में भी चिट्ठी लिखी लेकिन उस पर भी करवाई नहीं हुई. यहां तक की उन्होंने रांची डीआईजी रांची एसएसपी तक को पत्र लिखा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
कहीं करवाई ना होता देख दीपक ने बरियातू के तत्कालीन थानेदार से आग्रह किया कि कम से कम आप एसडीओ सीओ से जांच करवा कर यह तो पता कर लें की जमीन किसकी है. अगर जमीन सार्जेंट की हुई तो वह खुद ब खुद हट जाएंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.
देखें वीडियो