गुवाहाटी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश की पुलिस को ‘स्मार्ट’ बनाने का आह्वान करते हुए लोगों से भी अपील की कि वे पुलिस के प्रति अपने नजरिये में बदलाव लाएं। पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षकों (आईजीपी) के 49वें अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, “मेरे दिमाग में ‘स्मार्ट पुलिस’ को लेकर एक धारणा है। स्मार्ट के पहले अक्षर एस का अर्थ सख्ती व संवेदनशीलता, एम का मतलब आधुनिक व तत्परता, ए का अर्थ चौकस व जवाबदेह, आर का अर्थ भरोसेमंद तथा उत्तरदायी और टी का अर्थ प्रौद्योगिकी में दक्ष है।”
उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा दिए गए बलिदानों को भुलाना नहीं चाहिए। स्वतंत्रता के बाद से अब तक 33,000 पुलिस कर्मियों ने ड्यूटी के दौरान जान दी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “स्वतंत्रता के बाद से अब तक करीब 33,000 पुलिस कर्मियों ने राष्ट्र के लिए जान दी। यह कोई छोटी संख्या नहीं है। उनके बलिदान व्यर्थ नहीं होने चाहिए। यह हम पर है। हम उनके बलिदान को व्यर्थ नहीं होने दे सकते। हमारे लिए उनके बलिदान मर नहीं सकते।”
उन्होंने देशवासियों से पुलिस के प्रति नजरिये में बदलाव लाने की अपील की भी कहा और कहा कि इसके लिए पुलिस द्वारा किए जाने वाले अच्छे कामों को सामने लाने की जरूरत है।
मोदी ने कहा, “पुलिस के बारे में लोगों की सोच बदल सकती है और यह जमीनी हकीकत को जानकर किया जा सकता है।”
उन्होंने कहा, “देश में आपके माध्यम (पुलिस) से बहुत से अच्छे काम हो रहे हैं। सकारात्मक बातों को आप वेबसाइट पर क्यों नहीं डालते।”
देश में पहली बार डीजीपी तथा आईजीपी का अखिल भारतीय सम्मेलन दिल्ली के बाहर हो रहा है। दो दिवसीय यह सम्मेलन शनिवार को शुरू हुआ, जिसमें सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी, आईजीपी, अर्धसैनिक बलों के प्रमुख, खुफिया ब्यूरो के अधिकरी तथा पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री हिस्सा रहे हैं। (आईएएनएस)