रांची : मंगलवार को धुर्वा स्थित प्रोजेक्ट भवन स्थित अपने कक्ष में मुख्यमंत्री ने पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की समीक्षा की और अधिकारियों को कई निर्देश दिये। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा है कि राज्य में गव्य विकास और मत्स्य पालन की बेहतर संभावना है इसलिए पालतू पशु खरीदने से संबंधित अनुदान की योजना में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति सहित समाज के सभी समूहों को शामिल किया जाएगा। बैठक में उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सक अपने पदस्थापन स्थल पर उपलब्ध रहें। इसके लिए उन्हें प्रतिदिन की दैनन्दिनी संधारित करना होगा। वहीं वरिष्ठ पदाधिकारी सप्ताह में दो दिन अनिवार्य रूप से क्षेत्र भ्रमण पर रह कर विभागीय कार्यों का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री कक्ष में आयोजित इस बैठक में कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के मंत्री रणधीर सिंह के साथ विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।
श्री दास ने अधिकारियों से कहा कि गव्य विकास और डेयरी क्षेत्र में रोजगार की काफी सम्भावनाएं हैं। इसके लिए पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार और संथाल परगना के क्षेत्रों में कलस्टर विकसित कर डेयरी को प्रोत्साहित करना होगा। उन्होंने चयनित कलस्टरों में काम पूरा होने के बाद ही नए कलस्टरों को योजना के लिए चुनने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि योजनाओं के प्रति लोगों का रूझान बढ़ाने के लिए पशु खरीद अनुदान कार्यक्रम के अन्तर्गत चयनित कलस्टरों में पशु मेला आयोजित करने के अलावा ज्यादा से ज्यादा डेयरी किसानों को सुविधा प्रदान कर ऐसा माहौल बनाना होगा कि लोगों का विश्वास विभाग के प्रति पुख्ता हो।
मुख्यमंत्री ने चाईबासा के छोटा नागरा में आयोजित जन-संवाद कार्यक्रम का हवाला देते हुए कहा कि ग्रामीणों की शिकायत थी कि पशु चिकित्सालय बंद रहता है। भविष्य में ऐसी शिकायतें नहीं मिलनी चाहिए। उपलब्ध मानव संसाधन का अधिकतम उपयोग करते हुए यह सुनिश्चित करें कि लोग विभागीय योजनाओं में रूचि लें। उन्होंने पशु हॉस्टल निर्माण कार्य, नस्ल सुधार, बछिया पालन एवं मुर्गी पालन को प्राथमिकता देने और नियमित मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया।
श्री दास ने पशु पालन और मत्स्य पालन के क्षेत्र में उत्पादकों के लिए बाजार उपलब्ध कराने के अलावा क्षेत्र विशेष के अनुरूप इस संबंध में विशेषज्ञ रणनीतिकारों की सेवा लेकर दस जुलाई से पहले रोड मैप तैयार करने का निर्देश दिया है।
मंगलवार को आयोजित बैठक में मुख्य सचिव राजीव गौबा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ प्रदीप कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, पशुपालन निदेशक डॉ आर.के. तिर्की भी उपस्थित हुए।