
बालू माफिया द्वारा जिले के विभिन्न बालू घाटों से अवैध तरीके से बालू का उठाव करने से नदियों के अस्तित्व पर ही संकट मंडराने लगे हैं. बालू माफिया खनन विभाग से लीज लेने के बाद मनमाने तरीके से नदी से बालू का खनन करना शुरू कर देते हैं, इस कारण पूरे जिले में बालू के अवैध उठाव से नदी सिमटती जा रही है.नदी से बेरतीब तरीके से बालू का उठाव होने से नदी की धारा भी विपरीत दिशा की ओर मुड़ना शुरू हो गयी है. खनन विभाग द्वारा भी आंख बंद कर लेने से माफिया की चांदी हो गयी है. बालू के इस अवैध खनन से एक ओर नदी खतरे में है, वहीं दूसरी ओर सरकार के राजस्व को भी करोड़ों रूपये की क्षति हो रही है.
Dilip Kumar, Daltanganj: बालू माफिया द्वारा जिले के विभिन्न बालू घाटों से अवैध तरीके से बालू का उठाव करने से नदियों के अस्तित्व पर ही संकट मंडराने लगे हैं. बालू माफिया खनन विभाग से लीज लेने के बाद मनमाने तरीके से नदी से बालू का खनन करना शुरू कर देते हैं, इस कारण पूरे जिले में बालू के अवैध उठाव से नदी सिमटती जा रही है.
खनन विभाग द्वारा आंख बंद कर लेने से माफिया की चांदी
नदी से बेरतीब तरीके से बालू का उठाव होने से नदी की धारा भी विपरीत दिशा की ओर मुड़ना शुरू हो गयी है. खनन विभाग द्वारा भी आंख बंद कर लेने से माफिया की चांदी हो गयी है. बालू के इस अवैध खनन से एक ओर नदी खतरे में है, वहीं दूसरी ओर सरकार के राजस्व को भी करोड़ों रूपये की क्षति हो रही है. जानकारी के अनुसार बालू उठाव की लीज देने के बाद कांट्रैक्टर को कई प्रकार के नियमों का पालन भी करना होता है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. लीज लेने के बाद केवल कांटेªक्टर की ही चलती है. विभाग इस मामले में आंखें मूंद लेता है. इसके पीछे कई वजह हैं, जो सर्वविदित है.
अंधेरे में नहीं करना है बालू का उठाव
खनन विभाग द्वारा बालू उठाव का लीज देने के बाद किसी भी नदी के बालू घाट से रात होने पर या अंधेरा हो जाने पर उठाव नहीं करने का प्रावधान है, लेकिन यह नियम सिर्फ कागजों पर ही होता है. बालू का उठाव सुबह में उजाला होने पर करना है. शाम को अंधेरा छाने के बाद नहीं करना है. शाम छह बजे के बाद किसी भी बालू घाट पर अगर बालू का उठाव हो रहा है तो वह गैरकानूनी माना जाएगा, लेकिन बालू के अवैध करोबार से जुड़े कांट्रैक्टर अपनी मनमानी से रात के अंधेरे में बेधड़क बालू का उठाव कर रहे हैं. हाल के दिनों में जिले के कई बालू घाटों पर रात के अंधेर में बालू का उठाव करने का मामला सामने आया है. बालू का उठाव हमेशा मैनुअली करना है, लेकिन सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बालू उठाव में जेसीबी तक के इस्तेमाल हो रहे हैं.
जिले की छोटी-बड़ी नदियों पर संकट गहराया
बालू के अवैध खनन होने से जिले की कोयल, अमानत, सोन नदी का तटीय इलाका और अन्य छोटी नदियों पर संकट गहराने लगा है. इन नदियों में पर्यावरण की अनदेखी कर बालू का अवैध खनन होने के कारण नदी से बालू कम मिट्टी ज्यादा निकल रही है. जानकारी के अनुसार अगर बालू मे 40 प्रतिशत तक मिट्टी आने लगे, तो वह बालू निर्माण कार्य के लिए उपयोगी नहीं होती है, लेकिन जिले की कई नदियों में 40 प्रतिशत मिट्टी पाये जाने के बाद भी खनन विभाग मौन होकर लीज जारी कर रहा है.
अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई होगी : डीएमओ
जिला खनन पदाधिकारी रत्नेश सिन्हा ने बताया कि जो कांट्रेक्टर बालू घाट से अवैध तरीके से उठाव कर रहे हैं, उन सभी पर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि जिनको लीज दी गयी है वे अगर नियम विरूद्ध बालू का उठाव कर रहे हैं, तो लीज रद्द की जा सकती है. कानून के उपर कोई नहीं है.
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