
New Delhi : सरकार ने राष्ट्रीय जलमार्ग-एक (एनडब्ल्यू-1) के हल्दिया-वाराणसी खंड में नौवहन के विस्तार के लिए 5,369 करोड़ रुपये की जल विकास परियोजना (जेपीएमपी) को बुधवार को मंजूरी दे दी. यह परियोजना उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में पड़ती है. इसके तहत आने वाले प्रमुख जिलों में वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, बक्सर, छपरा, वैशाली, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, साहिबगंज, मुर्शिदाबाद, पाकुर, हुगली और कोलकाता शामिल हैं.
मार्च, 2023 तक परियोजना पूरा होने की उम्मीद
पोत परिवहन मंत्रालय ने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में जल मार्ग विकास परियोजना के क्रियान्वयन को मंजूरी दी गई. इसके तहत राष्ट्रीय जलमार्ग-एक पर क्षमता विस्तार किया जाएगा. इस पर 5,369.18 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसके लिए विश्व बैंक की ओर से तकनीकी और निवेश सहयोग मिलेगा. इस परियोजना के मार्च, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है. इससे परिवहन का वैकल्पिक तरीका उपलब्ध होगा जो पर्यावरणानुकूल और लागत दक्ष होगा. इस परियोजना से देश में लॉजिस्टिक की लागत को नीचे लाने में मदद मिलेगी. सरकार ने कहा है कि इससे बुनियादी ढांचा विकास मसलन मल्टी माडल और इंटर माडल टर्मिनल, रोल आन -रोल आफ (रो-रो) सुविधा, फेरी सेवाओं तथा नौवहन समर्थन को प्रोत्साहन मिलेगा.
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जहाज निर्माण उद्योग में 84,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर होंगे पैदा
बयान में कहा गया है कि एनडब्ल्यू-1 के विकास एवं परिचालन से 46,000 प्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. इसके अलावा जहाज निर्माण उद्योग में 84,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे. परियोजना के वित्तपोषण पर सरकार ने कहा कि इसमें आईबीआरडी ऋण का हिस्सा 2,512 करोड़ रुपये (37.5 करोड़ डॉलर) और भारत सरकार के सहयोग के कोष का हिस्सा 2,556 करोड़ रुपये (38 करोड़ डॉलर) होगा. इसे बजटीय आवंटन तथा बांड निर्गम से प्राप्त राशि के जरिये जुटाया जाएगा. सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 301 करोड़ रुपये (4.5 करोड़ डॉलर) होगी. परियोजना के तहत फेयरवे विकास, वाराणसी, साहिबगंज और हल्दिया में मल्टी माडल टर्मिनल के अलावा कालूघाट और गाजीपुर में इंटर माडल टर्मिनल और फरक्का में नए नौवहन लॉक का निर्माण शामिल है.
मंत्रिमंडल ने जम्मू कश्मीर में जोजिला सुरंग परियोजना को मंजूरी दी
सरकार ने जम्मू कश्मीर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जोजिला दर्रा सुरंग परियोजना को बुधवार को मंजूरी दे दी. इसका मकसद कश्मीर घाटी तथा लद्दाख के बीच हर मौसम में संपर्क सुविधा उपलब्ध कराना है. जोजिला दर्रा श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फुट की ऊंचाई पर है. जाड़े में (दिसंबर से अप्रैल) भारी हिमपात और हिमस्खलन के कारण लेह-लद्दाख क्षेत्र कश्मीर से कटा रहता है.
परियोजना से जम्मू-कश्मीर के पिछड़े जिलों में विकास का खुलेगा रास्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘‘मंत्रिमंडल ने जोजिला सुरंग परियोजना को मंजूरी दे दी.’’ आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्टेशन ने पिछले वर्ष जुलाई में कहा था कि वह जम्मू कश्मीर में 4,899 करोड़ रुपये की जोजिला दर्रा सुरंग परियोजना के लिये सबसे कम बोली लगानी कंपनी के रूप में उभरी है. आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्टेशन ने कहा है कि हम यह सूचित करना चाहते हैं कि कंपनी जोजिला सुरंग परियोजना के लिये सबसे कम बोली लगाने वाली फर्म के रूप में उभरी है. कंपनी ने परियोजना के लिये 4,899.42 करोड़ रुपये की बोली लगायी. इसे 2,555 दिनों (सात साल) में पूरा किया जाएगा.’’ बयान के अनुसार परियोजना का रणनीतिक और सामाजिक-आर्थिक महत्व है और जम्मू कश्मीर के पिछड़े जिलों में विकास का रास्ता खुलेगा.
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