
Mumbai: दुरसंचार क्षेत्र की कंपनियों का लाभ और मार्जिन कम होने के कारण क्षेत्र के लिए अगले छह से नौ महीने भारी संकट के रहने वाले हैं तथा इस दौरान इसमें 50,000 नौकरियां और जाने का खतरक मंडरा रहा है. गौरतलब है कि इस क्षेत्र में 2017 के शुरू से अब तक 40,000 नौकरियां जा चुकी हैं इस संकट में 80,000 से 90,000 नौकरियां जाने की संभावना है.
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सर्वेक्षण पर आधारित है रिपोर्ट
सीआईईएल एचआर सर्विसेस की रिपोर्ट के अनुसार दूरसंचार क्षेत्र इस समय बेहद प्रतिस्पर्धी दौर से गुजर रहा है. इसके चलते कंपनियों का लाभ और मार्जिन कम हुआ है. इसकी वजह से जहां एक तरफ नौकरियां जाने की संभावना प्रबल होती है, वहीं इस क्षेत्र में अनिश्चिता के माहौल का भी निर्माण होता है. यह रिपोर्ट दूरसंचार कंपनियों को सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर सेवाएं उपलब्ध कराने वाली 65 तकनीकी कंपनियों के करीब 100 वरिष्ठ एवं मध्यम स्तर के कर्मचारियों के बीच किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है.
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कुल 80,000 से 90,000 नौकरियां जाने की संभावना
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 में इस क्षेत्र में 40,000 नौकरियां पहले ही जा चुकी हैं और आगे भी यही रुख जारी रहने की संभावना है. इससे अगले छह से नौ महीने में 50,000 तक नौकरियां और जा सकती है. इस प्रकार इस क्षेत्र की कुल 80,000 से 90,000 नौकरियां जाने की संभावना है.
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अगली दो-तीन तिमाहियों में नौकरियां जाने की दर रहेगी ऊंची
बेंगलुरु की सीआईईएल एचआर सर्विसेस के मुख्य कार्यकारी आदित्य नारायण मिश्रा ने न्यूज ऐजेंसी के माध्यम ते कहा, कि अगली दो-तीन तिमाहियों में नौकरियां जाने की दर ऊंची ही रहेगी. दूरसंचार क्षेत्र के 80 से 90 हजार लोगों की नौकरियां जाने की संभावना है.
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