दिल्ली: जितना पैसा दुनिया भर की आधी आबादी के पास है। उतना पैसा सिर्फ दुनिया के सिर्फ 85 लोगों के पास है। जी हां, यह बात जानने के बाद आपका चौकना लाजिमी है। पर यह बात सच है। सिर्फ 85 अमीर लोगों के पास दुनिया की तमाम आबादी का आधा पैसा है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
यह बात ऑक्सफैम की तरफ से जारी गई रिपोर्ट में सामने आई है। इसका रिपोर्ट का शीर्षक दिया गया है ’वर्किंग फॉर द फ्यू’ और इसे यहां होने वाले वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के पहले तैयार कराया गया है। इस रिपोर्ट में विकसित और विकासशील देशों में बढ़ रही असमानता के प्रभाव पर विस्तार से लिखा गया है।
ऑक्सफैम की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के धनी और समृद्घ लोगों ने लोकतंत्र को कमजोर किया है और एक ऐसी दुनिया खड़ी की है, जिसमें 85 अमीर लोगों के पास दुनिया की आधी दौलत है। इसने आगे कहा है कि वर्ष 1970 तक उन 29 देशों में अमीरों के लिए टैक्स की दरें गिरने लगीं, जिनके आंकड़े उपलब्ध हैं। इसका मतलब यह हुआ कि कई देशों में अमीर न केवल और पैसे कमा रहे हैं बल्कि कम टैक्स भी दे रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 25 सालों में दौलत मुट्ठी भर लोगों के हाथों में सिमटती जा रही है। ऑक्सफैम चाहती है कि सरकारें इस ट्रेंड को बदलने के लिए तुरंत कदम उठाएं। उसने फोरम में भाग लेने वालों से कहा है कि वे इस समस्या के समाधान के लिए छह सूत्री प्रतिज्ञा करें।
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि दुनिया के अमीर व्यक्ति और कंपनियां खरबों डॉलर के टैक्स की चोरी करती हैं। उन लोगों ने दुनिया भर में टैक्स हेवन बना रखे हैं, जहां ऐसे पैसे छुपाए जाते हैं। भारत के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक दशक में यहां अरबपतियों की तादाद दस गुना बढ़ गई। यहां टैक्स में कमी की गई। गरीबों पर कम खर्च हुआ।